
एनसीईआरटी पैटर्न व स्टैंडर्ड पर तैयार होंगे पाठ्यक्रम (Photo source- Patrika)
Rajasthan News: सीकर के सरकारी स्कूलों में स्पोर्ट्स किट घोटाले के बाद सरकार की पुस्तक खरीद भी सवालों व संदेह में घिर गई है। दरअसल, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने सरकारी स्कूलों के पुस्तकालयों के लिए जो किताबें भेजी है वे अंकित मूल्य से आधी दरों पर ऑनलाइन मिल रही है। पेज व लिखित सामग्री के हिसाब से कई किताबों का मूल्य भी काफी ज्यादा लग रहा है।
सवाल इस लिए भी उठ खड़े हुए हैं कि परिषद ने स्कूलों को किताबों का बिल भी नहीं भेजा है। लिहाजा इस खरीद को भी घोटाले के रूप में देखा जाने लगा है। इसको लेकर शिक्षक संगठनों व जागरूक लोगों ने सवाल उठाएं हैं।
सरकारी स्कूलों में पहुंची प्रभात पब्लिकेशन की पुस्तक नरेंद्र मोदी के प्रेरक विचार पर 300 रुपए अंकित है। यही किताब जब ऑनलाइन सर्च की तो ऐमेजोन पर डिजिटल लिस्ट प्राइज 189 पर 38 प्रतिशत छूट के साथ यही पुस्तक 117 रुपए में ही उपलब्ध मिल रही है। इसी तरह 200 रुपए मूल्य की जानिए संघ को पुस्तक भी ऑनलाइन खरीद पर 117 रुपए में ही उपलब्ध है।
किताबों की सामग्री व छपाई के मुकाबले उनकी कीमत काफी ज्यादा होने पर भी पुस्तक खरीद सवालों में है। मसलन,’गाथा पन्नाधाय की’ डबल कलर की पुस्तक में महज 24 पेज है, जिसमें 12 पेज पर चित्र और बाकी पेज में चार से आठ लाइन की पंक्तियां है। लेकिन, इस पर अंकित मूल्य 150 रुपए है। इसी तरह 16 पेज की एक रंग की पुस्तक ’स्वामी रामतीर्थ’ पुस्तक का मूल्य 75 रुपए अंकित है। पत्रिका ने जब ये पुस्तकें निजी प्रेस संचालकों को दिखाई तो वे उन्हें आधी दर में ही छापने को तैयार हो गए।
सरकारी स्कूलों के पुस्तकालयों में भेजी गई ये पुस्तकें छात्र- छात्राओं की संया के आधार पर वितरित की गई थी। शिक्षा विभाग ने मई- जून महीने में ये किताबें प्रदेशभर की सरकारी स्कूलों में भेजी थी। 400 रुपए तक की ये किताबें नामांकन के आधार पर स्कूलों में 10 से 100 तक की संया में वितरित हुई थी।
आधी दर पर छाप सकते हैं…
गाथा पन्नाधाय की व स्वामी रामतीर्थ पुस्तक अंकित मूल्य से आधी दर में छाप सकते हैं। किताबों की संया के आधार पर इस दर में थोड़ा बदलाव संभव है।
- महेंद्र शर्मा, संचालक, प्रिंटर्स, सीकर
जांच होनी चाहिए…
सरकारी स्कूलों में पुस्तकालयों के लिए मिली पुस्तकों की खरीद में घोटाले की आशंका है। इन पर अंकित मूल्य के मुकाबले आधी कीमत में ऑनलाइन उपलब्ध होने के अलावा छपाई के आधार पर भी इनका मूल्य काफी ज्यादा लग रहा है। इसकी जांच होनी चाहिए।
- उपेंद्र शर्मा, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ, शेखावत
Published on:
02 Sept 2025 04:01 pm
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