पहले प्रसव से जुड़वा बच्चे होने के बाद दूसरी बार गर्भधारण करने वाली महिलाएं और अन्य समान योजना का लाभ लेने वाली महिलाएं योजना की पात्र नहीं होंगी।
गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं और 3 वर्ष तक के बच्चों में पोषण की स्थिति सुधारने में राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री मातृत्व पोषण योजना महत्त्वपूर्ण है। हालांकि पहले इस योजना का नाम इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना था जो कि 2020 में शुरू की गई। वर्ष 2025 में इसका नाम बदल कर मुख्यमंत्री मातृत्व पोषण योजना किया गया। योजना के तहत गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को पोषण सामग्री दी जाती है ताकि वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख सके।
पहले प्रसव से जुड़वा बच्चे होने के बाद दूसरी बार गर्भधारण करने वाली महिलाएं और अन्य समान योजना का लाभ लेने वाली महिलाएं योजना की पात्र नहीं होंगी।
इस योजना का लाभ दूसरी बार गर्भवती लाभ महिला को दिया जाता है। जिसके तहत तीन किश्तों में राशि सीधे उसके बैंक अकाउंट में जमा करवाई जाती है। पहली किश्त (1 हजार रुपए) गर्भावस्था जांच और पंजीकरण के बाद, दूसरी किश्त (1 हजार रुपए) गर्भावस्था के 6 महीने में और तीसरी किश्त (4 हजार रुपए) प्रसव के बाद दी जाती है।
योजना के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से संचालित प्रेग्नेंसी, चाइल्ड ट्रैकिंग एंड हैल्थ सर्विसेज मैनेजमेंट सिस्टम से पंजीकरण करवाना होगा। गर्भावस्था प्रमाण पत्र के साथ महिला को जन आधार, आधार कार्ड, मोबाइल नम्बर सहित जरूरी दस्तावेज जमा करवाने होंगे।