राजस्थान में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर नीति से प्रदेश की तस्वीर बदलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस नीति की बदौलत प्रदेश के अंदर मल्टीनेशनल कंपनियां आएंगी। जिससे युवाओं को अपने शहर में ही मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरी मिल सकेगी।
जयपुर। राजस्थान के युवाओं को अब मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरी के लिए बेंगलूरु, चेन्नई, मुंबई जैसे शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा। राज्य सरकार ने जिस ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) नीति को मंजूरी दी है, उससे प्रदेश में ही मल्टीनेशनल कंपनियों के आने की राह आसान हो जाएगी।
जीसीसी के तहत प्रदेश में कंपनियों के बड़े टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और सपोर्ट सेंटर खुल सकेंगे। कंपनियां सेंटर खोलेंगी, जो न केवल मल्टीनेशनल कंपनियों को यहां लाएंगी, बल्कि उन्हें व्यापार करने में सहयोग भी करेंगी। आइटी और स्टार्टअप इकोसिस्टम विकसित होगा। दिल्ली के नजदीक होने से इन कंपनियों से लम्बे समय के लिए व्यापारिक समझौते हो सकेंगे।
युवाओं को अपने शहर में नौकरी- पढ़ाई के बाद बाहर जाने की मजबूरी खत्म होगी। आइटी, फाइनेंस, कस्टमर सर्विस, डेटा एनालिसिस, रिसर्च जैसी नौकरियां यहीं मिल सकेंगी।
महिलाओं के लिए मौका- महिलाएं घर से काम कर सकेंगी या फ्लेक्सी जॉब ले सकेंगी।
नया कारोबार और लोकल बिजनेस- जब बड़ी कंपनियां आएंगी, तो उनके साथ स्थानीय कारोबार भी बढ़ेगा। ट्रांसपोर्ट, सर्विस सेक्टर, रियल एस्टेट, होटल, हॉस्टल का दायरा बढ़ेगा।
शहरों का विकास- बड़े-छोटे शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधरेगा, सड़कों से लेकर परिवहन कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी।
जीसीसी की स्थापना के लिए राजनिवेश सिंगल विंडो पोर्टल पर आवेदन करना होगा। प्रोजेक्ट इवैल्यूएशन कमेटी आवेदन की डीपीआर का अध्ययन कर 60 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद प्रोजेक्ट अप्रूवल कमेटी भी 60 दिन में अंतिम निर्णय लेगी।