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कोटा की बेटी ने रचा इतिहास, बॉक्सिंग वर्ल्ड कप 2025 में भारत को दिलाया गोल्ड, शहर में उत्साह

मौजूदा समय में अरुंधति भारतीय सेना में हवलदार के पद पर कार्यरत हैं। ऐसे में अरुंधति इस प्रतियोगिता में सर्विसेज स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड (आर्मी) की ओर से शामिल हुईं।

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कोटा

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Kamal Mishra

Nov 20, 2025

Arundhati Choudhary Boxer

अरुंधति चौधरी (फोटो-सोशल मीडिया)

कोटा। ग्रेटर नोएडा में आयोजित बॉक्सिंग वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल मुकाबले में कोटा की बॉक्सर अरुंधति चौधरी ने उज़्बेकिस्तान की खिलाड़ी को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। बॉक्सिंग वर्ल्ड कप में तिरंगा लहराकर अरुंधति ने एक बार फिर कोटा और देश का मान बढ़ाया है। यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में विश्व विजेता रह चुकीं अरुंधति अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को 7 स्वर्ण पदक दिला चुकी हैं।

अरुंधति के कोच अशोक गौतम ने बताया कि सीनियर वर्ग में अरुंधति का यह पहला अंतरराष्ट्रीय पदक है। उन्होंने बताया कि अरुंधति ने गंभीर चोट से उभरकर यह उपलब्धि हासिल की है। हाथ की कलाई और पैर के लिगामेंट फ्रैक्चर के कारण वह डेढ़ वर्ष तक किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले पाई थी।

70 किलोग्राम भार वर्ग में लिया हिस्सा

मौजूदा समय में अरुंधति भारतीय सेना में हवलदार के पद पर कार्यरत हैं। ऐसे में अरुंधति इस प्रतियोगिता में सर्विसेज स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड (आर्मी) की ओर से शामिल हुईं। अरुंधति ने 70 किलोग्राम भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व किया। भारत की तरफ से बॉक्सिंग वर्ल्ड कप 2025 प्रतियोगिता में 22 सदस्यीय टीम ने हिस्सा लिया। इसमें 10 महिला और 12 पुरुष खिलाड़ी शामिल हुए।

साल 2016 से हुई शुरुआत

वर्ल्ड बॉक्सिंग कप फाइनल्स की विजेता कोटा की बेटी अरुंधति चौधरी की कहानी केवल स्वर्ण पदकों तक ही सीमित नहीं, बल्कि उस जोश, जज्बे, जिद, अनुशासन और संघर्ष की है, जिसने एक साधारण परिवार की लड़की को विश्व बॉक्सिंग के मंच पर एक चमकता हुआ सितारा बना दिया। वर्ष 2016…यही वह साल था, जब अरुंधति के पिता सुरेश चौधरी ने देशभर में घूमकर एक ऐसे गुरु की तलाश की, जो उनकी बेटी को सही दिशा दे सके। अरुंधति ने पूरे दो वर्ष बिना रुके, अपने कोच अशोक गौतम से रोजाना घंटों कोटा में ही पर्सनल ट्रेनिंग ली। यही वह दौर था, जिसने उनकी नींव मजबूत की और बेसिक तकनीकों को उनकी ताकत बना दिया।

आज भी जब अरुंधति देश के किसी भी कैंप में होती है और कभी मानसिक या तकनीकी रूप से दबाव महसूस करती हैं, तो एक ही जगह लौटती हैं अपने कोच के पास। किसी भी बड़ी प्रतियोगिता से पहले वह वीडियो भेजकर सामने वाले खिलाड़ी की खूबियों और अपनी कमियों पर राय जरूर लेती हैं। यह आदत आज भी उन्हें स्थिर और तैयार रखती है।

कोटा में उत्साह

कोच अशोक गौतम ने बताया कि अरुंधति का अब अगला लक्ष्य एशियन गेम्स 2026 में भारत के लिए एक और स्वर्ण पदक जीतना है। इस जीत के बाद कोटा जिला मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष और अरुंधति के पिता सुरेश चौधरी, तथा उनकी माता सुनीता चौधरी ने खुशी व्यक्त की। अरुंधति के पूरे मोहल्ले में खुशी है। नगर के लोग अरुंधति को माला पहनाकर स्वागत करना चाहते हैं।