Rain Alert: राजस्थान में मानसून इस बार ज्यादा मेहरबान है। इस बार सितंबर महीने में भी सामान्य से अधिक बारिश होगी। मौसम केन्द्र ने इसकी संभावना जताई है।
Rain Alert: जयपुर। राजस्थान में मानसून इस बार ज्यादा मेहरबान है। इस बार सितंबर महीने में भी सामान्य से अधिक बारिश होगी। मौसम केन्द्र ने इसकी संभावना जताई है। मौसम केन्द्र के अनुसार उत्तर-पश्चिम पश्चिमी राजस्थान के ऊपर परिसंचरण तंत्र बना हुआ है। मानसून ट्रफ लाइन सामान्य स्थिति से गुजर रही है।
इसके असर से पूर्वी राजस्थान के अधिकांश भागों में आगामी 5-6 दिन मध्यम से तेज व कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। जोधपुर, बीकानेर संभाग के कुछ भागों में भारी बारिश की गतिविधियों में 2-4 सितंबर गिरावट होने की संभावना है। आगामी 24 घंटे में बंगाल की खाड़ी में एक और नया कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके असर से दक्षिणी भागों में भारी बारिश की गतिविधियों में 4 से 7 सितंबर के दौरान पुनः बढ़ोतरी होने की संभावना है।
सोमवार को जयपुर, अजमेर, उदयपुर, कोटा, भरतपुर, जोधपुर संभाग, शेखावाटी क्षेत्र में कहीं-कहीं भारी बारिश का दौर चला। सबसे अधिक बारिश बीते 24 घंटे में जालौर में 118 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। जयपुर में बीते तीन दिन से बारिश का दौर चल रहा है। सोमवार को भी रुक-रुक का दिनभर बारिश हुई। बीते 24 घंटे में जयपुर में 43 मिलीमीटर बारिश हुई।
भीलवाड़ा शहर समेत जिले में मेघ मेहरबान है। भीलवाड़ा में रविवार आधी रात बाद शुरू हुआ बरसात का दौर सोमवार सुबह 11 बजे तक बना रहा। इस दौरान 125 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई। इससे सड़कें दरिया बन गई तो नाले उफान पर आ गए। लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी अच्छी बरसात हुई है। जिले के सरेरी बांध पर 157, उम्मेदसागर-खारी बांध पर 105, मेजा बांध पर 94, बनेड़ा 76, आसींद 72, डाबला में 70 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई।
अजमेर में घनघोर घटाएं सोमवार को झमाझम बरसीं। रात 3 बजे से चली बरसात ने शहर को जलमग्न कर दिया। जगह-जगह सड़कों-चौराहों पर पानी उफन पड़ा। बरसात से जनजीवन प्रभावित हुआ। मौसम विभाग ने शाम 5.30 बजे तक 138.7 मिलीमीटर (सवा पांच इंच) बरसात दर्ज की। दिन में कभी तेज बौछारों तो कभी फुहारों का दौर चला। चौरसियावास तालाब की चादर चल गई। वरुणसागर झील की चादर चलने से बरसात से बांडी नदी उफन पड़ी। कई क्षेत्र में तीन से चार फीट पानी भर गया। पहाड़ों से झरने फूट गए।