यदि आपकी उम्र 60 वर्ष से ऊपर है और आपको हाई कोलेस्ट्रॉल की शिकायत है तो आपको अब सामान्य लिपिड प्रोफाइल के साथ एपीओ-बी प्रोटीन टेस्ट कराना बेहद जरूरी है।
New protocols added to lipid profile tests: यदि आपकी उम्र 60 वर्ष से ऊपर है और आपको हाई कोलेस्ट्रॉल की शिकायत है तो आपको अब सामान्य लिपिड प्रोफाइल के साथ एपीओ-बी प्रोटीन टेस्ट कराना बेहद जरूरी है। हाई कोलेस्ट्रॉल हार्ट के लिए खतरनाक होता है। यह आर्टरी में जमकर प्लाक बनाता है और ब्लॉकेज का कारण बनता है। अब विशेषज्ञों ने बताया है कि कोलेस्ट्रॉल बनाने वाले खास एपोलाइपो प्रोटीन (एपीओ-बी) की जांच समय रहते कराई जाए तो हार्ट अटैक के खतरे का पता लगाया जा सकता है।
नेशनल लिपिड एसोसिएशन की नई गाइडलाइन में हृदय रोग की जांच के सामान्य लिपिड प्रोफाइल टेस्ट के नए प्रोटोकॉल शामिल किए गए हैं। शनिवार से जयपुर शहर में आयोजित दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस राजसीएसआइकॉन-2025 में विशेषज्ञों ने यह जानकारी साझा की। आयोजन के अध्यक्ष डॉ. संजीब रॉय और सचिव डॉ. संजीव शर्मा ने बताया कि इस कॉन्फ्रेंस में 400 से अधिक विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।
पहले दिन प्लाक मोडिफिकेशन मास्टर क्लास सेशन में डॉ. समीन शर्मा ने ‘प्लाक मॉडिफिकेशन में डिवाइस सिनर्जी’, निशित चंद्र ने लेजर ट्रीटमेंट, डॉ. रुचि गुप्ता ने ‘जीडीएमटी के साथ गैर-नियंत्रित हार्ट फेलियर के मरीजों का प्रबंधन’, डॉ. गिरीश एम पी ने हार्ट फेलियर विद प्रिजव्र्ड ईएफ और डॉ. जितेंद्र सिंह मक्कड़ ने जीएलपी1 एगोनिस्ट से मोटापे के प्रबंधन पर जानकारी दी। डॉ. एस.एम. शर्मा ने हैंड्स ऑन ट्रेनिंग वर्कशॉप में जटिल एंजियोप्लास्टी की बारीकियों पर भी ध्यान दिलाया।
डॉ. अरुण मोहंती ने बताया कि डायबिटीज, मेटाबॉलिक सिंड्रोम और मोटापे जैसी समस्याओं वाले लोगों में सामान्य लिपिड प्रोफाइल से एपीओ-बी प्रोटीन का स्तर पता नहीं चलता। एपीओ-बी प्रोटीन 60 से ऊपर होने पर कार्डियक डेथ का खतरा 21 प्रतिशत और हार्ट अटैक का खतरा 49 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। इसलिए सामान्य लिपिड प्रोफाइल के साथ एपीओ-बी प्रोटीन टेस्ट कराना बेहद जरूरी है। इसके अलावा, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का अधिकतम मानक अब हार्ट पेशेंट के लिए 55 तक निर्धारित किया गया है।