Rajasthan : आखिरकार अपने इस्तीफे के लगभग 50 दिन बाद पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपनी चुप्पी तोड़ी। पूर्व उपराष्ट्रपति धनखड़ अपने उत्तराधिकारी व नए उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को बधाई दी। साथ कुछ कहा भी।
Rajasthan : आखिरकार अपने इस्तीफे के लगभग 50 दिन बाद पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपनी चुप्पी तोड़ी। पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपने उत्तराधिकारी व नए उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को बधाई देते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति का पद उनके विशाल अनुभव के साथ और अधिक गौरव प्राप्त करेगा। संसद के मानसून सत्र के पहले दिन 21 जुलाई को पद छोड़ने के बाद पूर्व उपराष्ट्रपति धनखड़ का यह पहला सार्वजनिक बयान आया है।
नए उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को लिखे एक पत्र में जगदीप धनखड़ ने कहा, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और मानवता के छठे हिस्से का घर माना जाने वाला भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारत के उपराष्ट्रपति के तौर पर आपके चुने जाने पर हार्दिक बधाई।
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि इस प्रतिष्ठित पद पर आपकी पदोन्नति हमारे राष्ट्र के प्रतिनिधियों के विश्वास और भरोसे को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में राधाकृष्णन के विशाल अनुभव को देखते हुए, उनके नेतृत्व में यह पद निश्चित रूप से और भी अधिक सम्मान और गौरव प्राप्त करेगा।
एक आश्चर्यजनक कदम के तहत, जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके अचानक इस्तीफे के कारण उपराष्ट्रपति पद के लिए नए चुनाव हुए। हालांकि, इस दौरान उनकी चुप्पी ने विपक्षी दलों को उनके "ठिकाने" के बारे में सवाल उठाने पर मजबूर कर दिया।