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Rajasthan : केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शहरों को स्वच्छ वायु सर्वेक्षण पुरस्कार 2025 प्रदान किए। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम में इंदौर ने प्रथम स्थान हासिल किया। 10 लाख की आबादी वाले 48 शहरों में राजस्थान के शहरों की स्थिति बेहद खराब मिली है। जयपुर 33वें, जोधपुर 42वें और कोटा 44वें स्थान पर रहा। 3 से 10 लाख की आबादी तक के 42 शहरों में अलवर ने लाज बचाई है। अलवर तीसरे और उदयपुर 17वें स्थान पर रहा। वहीं, 3 लाख से कम आबादी वाली श्रेणी में राजस्थान का एक भी शहर नहीं है। मालूम रहे, स्वच्छता सर्वेक्षण में भी राजस्थान के शहरों की स्थिति नाजुक ही थी।
केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रव्यापी स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में अलवर शहर ने तीसरा स्थान हासिल किया है, जो राष्ट्रीय रैंकिंग में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इससे पहले 3 से 10 लाख की आबादी वाले 130 शहरों के राष्ट्रीय सर्वेक्षण में अलवर 54वें स्थान पर था।
पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की ओर से नई दिल्ली के पर्यावरण भवन में आयोजित समारोह में जिला कलक्टर आर्तिका शुक्ला व नगर निगम आयुक्त जीतेंद्र सिंह नरूका को 25 लाख का नकद पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। समारोह में केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी के मिशन लाइफ का उद्देश्य पर्यावरण हितैषी जीवनशैली अपनाकर प्रकृति का संरक्षण करना है। केन्द्रीय मंत्री ने स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2025 में अलवर शहर को देशभर में तीसरा स्थान मिलने पर खुशी जताई और कहा कि यह एक वर्ष के दौरान किए गए समन्वित प्रयासों का सुखद परिणाम है।
केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि 2020 में शुरू हुए एनसीएपी ने वायु गुणवत्ता सुधार में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। समारोह में 130 एनसीएपी शहरों में से 11 शहरों की उपलब्धियों को सराहा गया।
10 लाख से ज्यादा जनसंख्या 48
03 से 10 लाख जनसंख्या 42
03 लाख से कम जनसंख्या 40
श्रेणी-2 (3-10 लाख जनसंख्या) : अमरावती, झांसी, मुरादाबाद और अलवर को सम्मानित किया गया। श्रेणी-3 (3 लाख से कम जनसंख्या): देवास, परवाणू और अंगुल को पुरस्कार मिला।
Published on:
10 Sept 2025 12:20 pm
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