Jaipur-Ajmer Highway Tragic Accident : जयपुर-अजमेर एक्सप्रेसवे पर मोखमपुरा क्रॉसिंग के पास हुए भीषण हादसे की जिम्मेदारी अब न केवल तेज रफ्तार रासायनिक टैंकर के चालक पर डाली जा रही है, बल्कि खड़े एलपीजी सिलेंडर से लदे ट्रक के चालक पर भी इसका आरोप लगाया जा रहा है। जानें क्यों?
Jaipur-Ajmer Highway Tragic Accident : जयपुर-अजमेर एक्सप्रेस वे पर हुए दर्दनाक हादसे की जिम्मेदारी तेज रफ्तार केमिकल से भरे टैंकर के चालक पर डाली गई है। जिसने एलपीजी सिलेंडरों से लदे एक खड़े ट्रक में टक्कर मारी। मामले में एक नया मोड़ आ गया है। बताया जा रहा है कि इस सड़क हादसे के लिए खड़े ट्रक के चालक को भी दोषी ठहराया जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों और सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों ने बताया कि आमतौर पर हादसों में शामिल खड़े वाहनों के चालकों के खिलाफ मामले दर्ज नहीं किए जाते।
हालांकि, यह मामला एक अपवाद है, क्योंकि इस दुर्घटना में शामिल दोनों वाहन ज्वलनशील सामान ले जा रहे थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) और पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से स्पष्ट दिशानिर्देश हैं कि ऐसे वाहनों को कहां पार्क किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा, एलपीजी ट्रक सड़क किनारे एक ढाबे के सामने गलत तरीके से खड़ा था। इससे और भी गंभीर हादसा हो सकता था।
विशेषज्ञों का दावा है कि एलपीजी ले जाने वाले ट्रक ने पेट्रोलियम अधिनियम, 1934 और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड के निर्धारित विनिर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन किया है। पेट्रोलियम एक्ट में कहा गया है कि, ट्रैफिक सिग्नल, इंस्पेक्टर या सैंपलिंग अधिकारी के निर्देश दिए जाने के अतिरिक्त, कोई भी लाइसेंस प्राप्त वाहन किसी भी सड़क, भीड़भाड़ वाले क्षेत्र या लिखित रूप से स्वीकृत स्थान के अलावा, लोडिंग, अनलोडिंग या स्टैबलिंग के लिए नहीं रुक सकता।
जयपुर-अजमेर एक्सप्रेसवे पर मोखमपुरा क्रॉसिंग के पास हुए हादसे के स्थल पर शुक्रवार को जब टीम ने दौरा किया। एक चश्मदीद गवाह, ने बताया कि एलपीजी सिलेंडरों से लदा ट्रक सड़क के किनारे एक ढाबे के सामने खड़ा था। उन्होंने कहा, इस जगह पर कोई सर्विस रोड नहीं है। एलपीजी ट्रक हाइवे के मुख्य हिस्से के किनारे पर खड़ा था।
शुक्रवार को हुए भीषण हादसे की जांच के लिए मौके पर मौजूद डीएसपी दुदु, दीपक खंडेलवाल ने बताया कि दोनों ट्रकों के चालकों ने नियमों का उल्लंघन किया था। उन्होंने कहा, हम भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपाय खोज रहे हैं। इस हादसे के संबंध में, एलपीजी ले जा रहे स्थिर ट्रक के चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है। इस टक्कर में लाइट लिक्विड पैराफिन (एलएलपी) ले जा रहे टैंकर के चालक की मौत हो गई, जबकि एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया। हादसे से 15 किलोमीटर दूर तक आग की लपटें दिखाई दीं और 10 घंटे तक भयंकर जाम रहा। जांच अधिकारी ने कहा कि अगर आग ढाबे तक फैल जाती, तो आपदा और भी गंभीर हो सकती थी।
जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सावरदा पुलिया के पास सोमवार रात हुए सिलेंडर हादसे की गंभीरता को देखते हुए जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र सोनी की ओर से गठित जांच कमेटी शुक्रवार को घटनास्थल पर पहुंची। टीम ने करीब 2 घंटे तक मौके का निरीक्षण कर सभी पहलुओं की बारीकी से जांच की। जांच दल में अतिरिक्त जिला कलक्टर युगांतर शर्मा, एनएचएआई पीडी अजय आर्य, मौजमाबाद उपखंड अधिकारी बलवीर सिंह, उपाधीक्षक दीपक खंडेलवाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल रहे। आरटीओ प्रथम राजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि कमेटी न केवल घटना के कारणों की जांच करेगी, बल्कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक सिफारिशें भी तैयार करेगी। साथ ही जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर गश्त बढ़ाने के लिए एक संयुक्त टीम बनाने का निर्णय लिया है। जांच रिपोर्ट आगामी सप्ताह में जिला कलक्टर को सौंपी जाएगी।