नीरजा मोदी स्कूल में छात्रा अमायरा की मौत के मामले में शिक्षा विभाग की जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। कमेटी ने यह रिपोर्ट शिक्षा मंत्री को भेज दी है।
Neerja Modi School student suicide case: जयपुर। नीरजा मोदी स्कूल में छात्रा अमायरा की मौत के मामले में शिक्षा विभाग की जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। कमेटी ने यह रिपोर्ट शिक्षा मंत्री को भेज दी है। रिपोर्ट में कमेटी ने छात्रा की मौत के पीछे कई कारण बताए हैं। इसमें स्कूल भवन की खामियों से लेकर कक्षा में शिक्षिका की ओर से शिकायतों पर ध्यान न देने तक बात शामिल है। इसके अलावा कमेटी ने छात्रा के मानसिक स्वास्थ्य को भी हादसे की एक वजह माना है।
कमेटी के अनुसार, कक्षा में कुछ बच्चे अमायरा को बुली कर रहे थे, जिसकी शिकायत वह शिक्षिका से करती थी। छात्रा की बार-बार शिकायतों की उचित सुनवाई नहीं हो रही थी और उसे ही अपनी सीट पर बैठने के लिए कहा जा रहा था। कमेटी ने यह भी माना है कि शिक्षिका अन्य छात्रों को भी चुप रहने के लिए कह रही थी।
छात्रा के पिता विजय मीणा ने कमेटी की रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि कमेटी को स्कूल की खामियों की जांच करनी चाहिए थी। पांच बार शिकायत करने के बावजूद कक्षा में बेटी की बात नहीं सुनी गई। कमेटी ने उनसे निजी सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि हर बच्चा रात तक गेम खेलता है और हैलोवीन खेल से उनकी बेटी पर किसी तरह का मानसिक असर नहीं पड़ा। वह डेढ़ बजे तक सो गई थी। वे रिपोर्ट का अध्ययन करेंगे और असंतुष्ट होने पर निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे। वहीं, स्कूल प्रशासन ने पुलिस जांच जारी रहने के चलते किसी भी टिप्पणी से इनकार कर दिया है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि छात्रा के अभिभावकों से जानकारी मिली कि वह सोसायटी में बच्चों के साथ हैलोवीन जैसा खेल खेलती है। इस खेल में बच्चे डरावनी शक्ल बनाकर घर-घर जाकर सामान मांगते हैं। कमेटी के अनुसार, हादसे से एक दिन पहले छात्रा ने यह खेल खेला था। वह रात 12 बजे घर पहुंची और उसे सोने में दो बज गए। सुबह जब स्कूल जाने के लिए कहा गया तो उसने मना कर दिया और पिता के साथ मूवी देखने की जिद की, लेकिन उसे स्कूल भेज दिया गया।
कमेटी ने माना है कि स्कूल की पांचवीं मंजिल पर छोटे बच्चों की कक्षाएं हैं। हालांकि रेलिंग ऊंची हैं, फिर भी सुरक्षा के लिहाज से जाली लगवाना जरूरी बताया गया है। मंजिल की ऊंचाई अधिक होने के कारण नीचे गिरने का खतरा रहता है, इसलिए बच्चों की सुरक्षा के लिए जाल होना चाहिए। स्कूल में ऐसा कोई जाल नहीं था, जिसके कारण छात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकी।