दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे को जोड़ने वाले नए हाइवे पर मिट्टी भरकर अस्थायी रास्ते बना दिए गए हैं। इससे ट्रक बीच रास्ते में फंसकर खड़े हो जाते हैं और हादसों का खतरा लगातार बढ़ रहा है। लोगों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ रही है।
जयपुर: मनोहरपुर-दौसा एक्सप्रेस-वे पर सड़क दुर्घटनाओं में लगातार लोग जान गंवा रहे हैं। अब दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे भी उसी तर्ज पर खतरा बनता जा रहा है। सरपट दौड़ने के लिए बनाए गए दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के किनारे कई जगह लोगों ने मिट्टी डलवाकर ढाबे खोल लिए हैं। इन ढाबों तक पहुंचने के लिए एक्सप्रेस-वे पर अवैध कट बना दिए गए।
चालक भारी और हल्के वाहनों को बीच सड़क पर ही खड़ा कर ढाबों पर चले जाते हैं, जिससे तेज रफ्तार वाहनों के बीच सड़क पर खड़े वाहनों से दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। एक्सप्रेस-वे पर कई हादसे हो भी चुके हैं। कहीं थड़ी तो कहीं टैंट लगाकर ढाबों का संचालन किया जा रहा है। जयपुर से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे को जोड़ने वाले नए हाइवे पर भी ऐसे ही हालात नजर आ रहे हैं।
गौर करने वाली बात है कि तीन दिन पहले जयपुर-आगरा नेशनल हाइवे पर सड़क पर खड़े ट्रक में एक अपराधी को पेशी पर ले जा रही पुलिस बस पीछे से टकरा गई। हादसे में पुलिस बस के कांस्टेबल चालक की मौत हो गई और हार्डकोर अपराधी सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
दिल्ली रोड पर चंदवाजी से शाहजहांपुर तक करीब 125 किलोमीटर दूरी में लेन सिस्टम का पालन नहीं करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ शनिवार से चालान की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस पिछले दस दिनों से अभियान चलाकर वाहन चालकों को लेन सिस्टम से चलने के लिए जागरूक कर रही थी।
जयपुर रेंज आइजी राहुल प्रकाश ने बताया कि जागरूकता अभियान के दौरान विभिन्न यातायात नियम तोड़ने वाले 5029 वाहन चालकों के चालान किए गए। उक्त दूरी में सड़क पर मिले 323 पशुओं पर रिफ्लेटर लगाए गए, ताकि रात में हाइवे पर पशुओं से टकराने की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
उन्होंने बताया कि लेन सिस्टम का उल्लंघन करने पर 2000 रुपए का जुर्माना है। इसलिए वाहन चालक अपनी ही लेन में चलें और सुरक्षित रहें। इस हाइवे पर 247 अवैध कट भी बंद करवाए गए हैं।
दिल्ली-आगरा रोड को जोड़ने वाले मनोहरपुर-दौसा एक्सप्रेस हाइवे (एनएच 148) पर आए दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जयपुर ग्रामीण और दौसा पुलिस संयुक्त रूप से कार्य योजना बनाएगी। जयपुर रेंज आईजी राहुल प्रकाश ने जयपुर ग्रामीण और दौसा पुलिस अधीक्षक को इस संबंध में निर्देश जारी किए।
उन्होंने कहा कि दोनों जिला पुलिस मनोहरपुर से दौसा तक फोर लेन हाइवे बनने तक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अस्थायी व्यवस्था करें, ताकि भविष्य में सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाकर लोगों की जान बचाई जा सके।
गौरतलब है कि एनएच 148 पर गत साढ़े चार वर्ष में 352 सड़क दुर्घटनाओं में 267 लोगों की जान चली गई और 359 लोग घायल हुए। हाइवे पर कहीं तेज रफ्तार तो कहीं जानलेवा घुमाव हादसों का कारण बने। इसके अलावा सड़क इंजीनियरिंग की खामियां, दो लेन का हाइवे, डिवाइडर का अभाव, चेतावनी बोर्ड की कमी, रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए इंटरसेप्टर वाहनों का न होना और डेंजर प्वाइंट पर बैरिकेड्स की अनुपस्थिति भी दुर्घटनाओं को निमंत्रण दे रही है।