जयपुर शहर को शहरवासी भी गंदा कर रहे हैं। विश्वास न हो तो इन फोटो को देख लें। हर फोटो से यही सवाल खड़ा होता है कि क्या ये लोग हमारे आस-पास के ही हैं। एकबारगी तो यही लगता है कि ये जयपुर के नहीं हो सकते। या फिर ये वे लोग हैं जिन्हें अपने शहर से प्यार ही नहीं। अगर सच्चा प्यार होता तो ऐसा आचरण नहीं दिखाते।
Patrika Cleanliness Campaign: जयपुर शहर को शहरवासी भी गंदा कर रहे हैं। विश्वास न हो तो इन फोटो को देख लें। हर फोटो से यही सवाल खड़ा होता है कि क्या ये लोग हमारे आस-पास के ही हैं। एकबारगी तो यही लगता है कि ये जयपुर के नहीं हो सकते। या फिर ये वे लोग हैं जिन्हें अपने शहर से प्यार ही नहीं। अगर सच्चा प्यार होता तो ऐसा आचरण नहीं दिखाते। खुलेआम ऐसे संस्कार की पहचान नहीं करवाते। पर इन्हें झुठलाया भी नहीं जा सकता। बड़ी संख्या में सुबह लोग घरों से कचरा लेकर निकलते हैं और सड़क किनारे फेंककर आगे बढ़ जाते हैं।
राजस्थान पत्रिका की टीम ने ऐसे ही लोगों को अपने कैमरे में कैद किया जो शहर को गंदा कर रहे हैं। उनसे बात करने की कोशिश की। कुछ बोले तो कुछ चुपचाप आगे बढ़ गए। बातचीत में इन लोगों ने स्वीकार किया कि हूपर समय पर नहीं आता। घर में कचरा कब तक रखें ? महिलाओं ने तो यहां तक कहा कि नहाने और पूजा करने क बाद हम कचरा नहीं डाल सकते। हूपर का समय तय होना चाहिए।
-01 लाख रुपए तक वसूल किए जाते स्पेशल ड्राइव के दौरान
-23.10 लाख से अधिक वसूल किया है हैरिटेज निगम ने कैरिंग चार्ज जून में
-19 लाख रुपए वसूल किए बीते माह ग्रेटर निगम ने शहर को गंदा करने वालों से
आम व्यक्ति ने घर का कचरा सड़क पर फेंका तो - 100 रुपए
दुकानदार ने सड़क पर कचरा फेंका तो-1000 रुपए
रेस्टोरेंट और होटल का कचरा फेंकने पर-2000 रुपए
औद्योगिक प्रतिष्ठान का कचरा सड़क पर आया तो-5000 रुपए
हलवाई, चाट-पकौड़ी, फास्टफूड, गन्ने का रस व अन्य का कचरा सड़क पर आया तो-100 रुपए
कचरे से मालिक की पहचान:
इंदौर नगर निगम सड़क पर मिले कचरे को देखकर पहचान करता है और घर जाकर जुर्माना भी वसूलता है। यहां एक ऐप भी निगम ने विकसित कर रखा है, जिस पर शिकायत करने पर कचरा तुरंत उठता है।
लगाए सैंकड़ों कैमरे:
सूरत नगर निगम ने सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं। कमांड सेंटर से कचरा फेंकने वालों की निगरानी की जाती है। वीडियो के आधार पर चालान किया जाता है।
भेज रहे ई-चालान: अहमदाबाद महानगरपालिका ने शहर को गंदा करने वालों के घर ई-चालान भेजने शुरू किए हैं। गाड़ी के नम्बर के आधार पर ये चालान घर भेजे जाते हैं।
आप भी पत्रिका के स्वच्छता का संस्कार अभियान का हिस्सा बन सकते हैं। कोई सड़क पर कचरा फेंकता नजर आए तो उनका चेहरा उजागर करते हुए फोटो लें और कचरे की लोकेशन के साथ हमें भेजें।
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