Jaipur Noise Pollution : दिल्ली की तरह अब जयपुर में भी ध्वनि प्रदूषण की रियल टाइम मॉनिटरिंग होगी। इस साल शहर के 4 जगहों से ध्वनि प्रदूषण की रियल टाइम मॉनिटरिंग शुरू जाएगी।
Jaipur Noise Pollution : दिल्ली की तरह अब जयपुर में भी ध्वनि प्रदूषण की रियल टाइम मॉनिटरिंग होगी। इसके लिए आवासीय, शांत, व्यावसायिक व औद्योगिक क्षेत्रों में रियल टाइम परिवेशी ध्वनि जांच केन्द्र बनाए जाएंगे। ये केन्द्र विकसित करने के लिए स्वीकृति मिल गई है। इसी साल शहर में 4 जगहों से ध्वनि प्रदूषण की रियल टाइम मॉनिटरिंग होने लग जाएगी।
जयपुर शहर में ध्वनि प्रदूषण बड़ी समस्या बनती जा रही है, लेकिन इसकी रोकथाम को लेकर कोई खास काम नहीं हो रहा। ध्वनि प्रदूषण को मैनुअली तरीके से ही जांच रहे हैं। जयपुर में 4 रियल टाइम परिवेशी ध्वनि जांच केन्द्र बनाए जाने हैं, लेकिन वित्तीय वर्ष गुजरने के बाद भी कोई काम नहीं हो पाया।
इसे लेकर राजस्थान पत्रिका ने 13 जुलाई को ’दिल्ली में रियल टाइम मॉनिटरिंग, जयपुर में हो रहीं कोरी बातें’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने इन केन्द्रों को बनाने की स्वीकृति जारी कर दी है। अब इनके लिए जमीनें तलाशी जा रही हैं। वहीं टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। जगह चिह्नित होते ही ये केन्द्र बनाए जाएंगे।
विशेषज्ञों के अनुसार, 70 डेसिबल से ज्यादा ध्वनि की फ्रीक्वेंसी सेहत के लिए खतरनाक है। डब्ल्यूएचओ ने 1999 की गाइडलाइन में रिहायशी इलाकों के लिए 55 डीबी की सिफारिश की थी, जबकि ट्रैफिक-बिजनेस सेक्टर्स के लिए लिमिट 70 डीबी थी।