सवाई मान सिंह अस्पताल परिसर में अवैध शराब बिक्री का खुलासा होने के बाद एसएमएस थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो कियोस्कों पर दबिश दी और छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया। राजस्थान पत्रिका में खबर प्रकाशित होते ही पुलिस सक्रिय हुई।
जयपुर: सवाई मान सिंह अस्पताल परिसर में अवैध शराब बिक्री को लेकर शुक्रवार सुबह तस्करों में हड़कंप मच गया। राजस्थान पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद पुलिस हरकत में आई और अस्पताल परिसर में बने कियोस्कों पर दबिश देकर छह लोगों को दबोच लिया। यह कार्रवाई एसएमएस थाना पुलिस की ओर से की गई।
अस्पताल के बांगड़ परिसर में गेट नंबर पांच के पास बने कियोस्क और गेट नंबर तीन के समीप स्थित कियोस्क में लंबे समय से अवैध रूप से शराब बेचने की शिकायतें मिल रही थीं। मरीजों के परिजन, अस्पताल में आने-जाने वाले लोग और आसपास के कर्मचारी इन कियोस्कों पर खुलेआम शराब बिक्री से परेशान थे।
इस पूरे मामले का खुलासा राजस्थान पत्रिका में शुक्रवार को प्रकाशित खबर के जरिए हुआ। खबर सामने आते ही एसएमएस थाना पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दोनों कियोस्कों पर दबिश दी। पुलिस को देख वहां मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई।
पुलिस ने मौके से गोकुल, खेम सिंह उर्फ कुम्भा, विनोद, हरि सिंह और कानू सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया और उन्हें एसएमएस थाने ले जाया गया। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की और कियोस्कों की जांच भी की। हालांकि, दबिश के दौरान मौके से शराब बरामद नहीं हो सकी।
राजस्थान पत्रिका टीम ने परिसर में इस कारोबार का खुलासा करने के लिए इनसे शराब की डील की तो उन्हें उपलब्ध करवा दी गई थी। चौंकाने वाली बात यह है कि इन कारोबारियों के पास शराब के कई ब्रांड उपलब्ध हैं। इनके पास शराब खरीदने वालों में अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों की संख्या अधिक है।
बांगड़ गेट नंबर पांच के पास कियोस्क में बने ढाबे में लोग खाना खा रहे थे। अंदर की ओर आगे बढ़े तो कुछ लोग दीवार के पास शराब पी रहे थे। वहां शराब की खाली बोतलों के ढेर लगे थे। कुछ देर में एक व्यक्ति आया।
उसने पूछा कौन सी शराब चाहिए। बताने पर उसने ऑनलाइन पेमेंट लिया और वहीं सामने से एक कियोस्क से बोतल निकालकर लाया। करीब एक घंटे में 20 से 25 लोग उसके पास शराब खरीदने पहुंचे थे और वो बेखौफ बेच रहा था।
इस संबंध में एसएमएस थानाधिकारी राजेश शर्मा ने बताया कि सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई थी, लेकिन मौके पर शराब नहीं मिली। स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल जैसे संवेदनशील क्षेत्र में अवैध शराब बिक्री से माहौल खराब हो रहा था। मरीजों और उनके परिजनों को असुविधा का सामना करना पड़ता था।