जयपुर

Jaipur News: जाम से कब मिलेगी राहत? हीरापुरा बस टर्मिनल से लेकर ई-रिक्शा प्लान तक फाइलों में कैद

Jaipur Traffic: जयपुर शहर को जाम और यात्रियों को परेशानियों से राहत दिलाने का दावा करने वाले परिवहन विभाग के प्रस्ताव खुद आफत में हैं, महीनों से फाइलों में ही कैद हैं।

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Dec 07, 2025
बड़ी चौपड़ पर ई रिक्शा की भीड़। फोटो: पत्रिका

Jaipur News: जयपुर शहर को जाम और यात्रियों को परेशानियों से राहत दिलाने का दावा करने वाले परिवहन विभाग के प्रस्ताव खुद आफत में हैं, महीनों से फाइलों में ही कैद हैं। विभाग का वादा था कि हीरापुरा बस टर्मिनल शुरू करवाया जाएगा, ई-रिक्शा का संचालन व्यवस्थित होगा, सिंधी कैंप के बाहर निजी बसों पर रोक लगेगी और कैब-ऑटो किराया तय किया जाएगा, लेकिन इन पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

विभाग का ध्यान राजस्व अर्जन पर है, जबकि जनता से जुड़ी सुविधाएं ठंडे बस्ते में पड़ी हैं। इन प्रस्तावों पर समय रहते निर्णय हो जाए तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कई समस्याओं से निजात मिल सकती है।

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हीरापुरा बस टर्मिनल: हर बार शुरू होते टल जाता

जयपुर शहर से बसों का दवाब कम करने को हीरापुरा बस टर्मिनल बनाया गया। यहां से अजमेर रोड की ओर से जाने वाली निजी और रोडवेज बसों का संचालन शुरू करना है। निजी बस ऑपरेटर्स के दवाब में परिवहन विभाग हीरापुरा टर्मिनल को शुरू नहीं करा पा रहा है। ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक में बार-बार निर्देश दिए जा रहे हैं। विभाग ने 31 अगस्त से बस टर्मिनल को शुरू करने की कवायद की थी। निजी बस ऑपरेटर्स ने विरोध शुरू कर दिया था, ऑपरेटर्स ने हड़ताल कर दी थी। इसके बाद विभाग बैकफुट पर आ गया। हालांकि हीरापुरा टर्मिनल का जिम्मा राज्य बस अड्डा विकास प्राधिकरण के अधीन है। लेकिन यहां सुविधाएं अभी तक पूरी तरह से विकसित नहीं की गई है।

ई-रिक्शा को लेकर निर्णय नहीं

ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक में ई-रिक्शा को जोनवार बांटकर उसका व्यविस्थत संचालन सुनिश्चित करना तय हुआ था, इसके लिए एक पोर्टल भी शुरू करना है, जहां एक व्यक्ति के नाम एक ही ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन होना है। हालांकि जयपुर आरटीओ की ओर से फर्जी चल रहे ई-रिक्शा पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है। पहले चरण में 20 हजार ई-रिक्शा को बाहर करने की तैयारी की जा रही है। इससे परकोटा सहित शहर मेें जाम से निजात मिलेगी।

सिंधी कैंप के बाहर शोरशराबे पर चुप्पी

सिंधी कैंप बस अड्डे के बाहर से निजी बसों के अवैध संचालन से रोडवेज को राजस्व नुकसान हो रहा है। आम लोगों को जाम से परेशानी हो रही है। बसों पर कार्यवाही करने और बाहर से बसों का संचालन बंद करने की अपील के साथ ङ्क्षसधी कैंप मुख्य प्रबंधक की ओर से विभाग को पत्र भी लिखा गया है, लेकिन इस पर चुप्पी छाई है।

कैब-ऑटो किराया तय हो तो मिले राहत

शहर में सार्वजनिक परिवहन में निजी वाहनों की संख्या बढ़ रही है, सरकारी वाहन घट रहे हैं। कैब कार-बाइक और ऑटो में यात्रियों से मनमाना किराया वसूला जा रहा है। विभाग में इन सेवाओं के वाहनों का किराया निर्धारित करने का प्रस्ताव महीनों से पड़ा है।

इनका कहना है

जनता से जुड़े जितने भी प्रस्ताव विभाग के पास आए हैं। उनको गंभीरता साथ लागू करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। जल्द ही इन पर निर्णय लिया जाएगा।
-पुरुषोत्तम शर्मा, आयुक्त परिवहन विभाग

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