Urban Development and Housing: सड़कों की गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए UDH विभाग ने नई पहल शुरू की है। अब एक एजेंसी दूसरी की सड़क मरम्मत की जांच करेगी। JDA, RHB और विकास प्राधिकरण आपसी निरीक्षण कर 15 नवंबर तक रिपोर्ट देंगे।
Urban Development and Housing: जयपुर: शहरी सड़कों की गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नगरीय विकास एवं आवासन (UDH) विभाग ने एक नई पहल शुरू की है। इसके तहत अब विभाग के अधीन काम करने वाली एजेंसियों की सड़क मरम्मत कार्यों की जांच “थर्ड पार्टी” यानी अन्य एजेंसियां करेंगी।
इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सड़क मरम्मत कार्य मजबूत और मानक के अनुरूप हों। अब तक यह देखा गया था कि नगर निकायों द्वारा की जा रही सड़क मरम्मत कार्यों में लापरवाही और घटिया गुणवत्ता की शिकायतें लगातार मिलती रही हैं। कई जगह सड़कों की मरम्मत के कुछ ही समय बाद गड्ढे उभर आते हैं, जिससे वाहन चालकों और पैदल यात्रियों को परेशानी होती है।
वहीं, लोक निर्माण विभाग (PWD) के पास तो अपनी क्वालिटी कंट्रोल विंग होती है, लेकिन UDH की एजेंसियों में यह व्यवस्था नहीं है। इसी कमी को दूर करने के लिए विभाग ने एक-दूसरे के कार्यों की जांच कराने का फैसला किया है।
UDH के एक अधिकारी के अनुसार, हमने तय किया है कि विभाग की एजेंसियां आपसी तौर पर एक-दूसरे के सड़क मरम्मत कार्यों की जांच करेंगी। इससे गुणवत्ता पर निगरानी और जवाबदेही दोनों बढ़ेगी।
इस पहल में तीन प्रमुख एजेंसियां शामिल की गई हैं अर्बन इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट (UIT), विकास प्राधिकरण और राजस्थान हाउसिंग बोर्ड (RHB)। उदाहरण के तौर पर, जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) द्वारा किए गए मरम्मत कार्यों की जांच RHB करेगा और RHB के कार्यों का मूल्यांकन JDA करेगा।
सभी एजेंसियों को 15 नवंबर तक अपनी जांच रिपोर्ट मुख्य अभियंता और संबंधित सचिवों को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। बताया गया है कि इन एजेंसियों ने मानसून के बाद पूरे राज्य में 8.67 लाख वर्ग मीटर सड़कों की मरम्मत की है।
इस पर लगभग 30.11 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। विभाग को उम्मीद है कि इस नई प्रणाली से सड़कों की गुणवत्ता में सुधार होगा और पारदर्शिता भी बढ़ेगी।