जयपुर

जेडीए के हाथ से फिसली 180 करोड़ रुपए कीमत की जमीन, कोर्ट में यूं उलटा पड़ा दांव, जानें पूरा मामला

Jda: जयपुर जिले के सांगानेर क्षेत्र स्थित करीब 180 करोड़ रुपए कीमत की लगभग 12 बीघा जमीन जेडीए से फिसल गई है। मामले की कोर्ट में चल रह सुनवाई में जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से पैरवी के लिए कोई वकील नहीं पहुंचा।

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Dec 17, 2025
जेडीए 12 बीघा जमीन का केस हारा, पत्रिका फाइल फोटो

Jda: जयपुर जिले के सांगानेर क्षेत्र स्थित करीब 180 करोड़ रुपए कीमत की लगभग 12 बीघा जमीन जेडीए से फिसल गई है। मामले की कोर्ट में चल रह सुनवाई में जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से पैरवी के लिए कोई वकील नहीं पहुंचा। इसके कारण जयपुर शहर के अधीनस्थ न्यायालय ने दावा करने वाले के पक्ष में एकपक्षीय आदेश जारी किया। इससे जेडीए को बड़ा झटका लगा।

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ये है पूरा मामला

जयपुर महानगर प्रथम क्षेत्र के सिविल न्यायालय (दक्षिण) की पीठासीन अधिकारी नीलम सुलभ जैन ने फूलचंद के पक्ष में फैसला सुनाया। साथ ही जेडीए को पाबंद किया कि वादी फूलचंद के कब्जे वाली भूमि के मामले में बिना विधिक प्रक्रिया अपनाए भूमि अन्य किसी को हस्तांतरित करने की कार्रवाई नहीं करे और जनहित के नाम पर विवादित भूमि से इस पक्षकार को बेदखल करने का प्रयास नहीं करे। मामला सांगानेर तहसील के ग्राम रामसिंहपुरा उर्फ ढोला स्थित 17 खसरों से संबंधित लगभग 12 बीघा भूमि जुड़ा है।

फूलचंद की ओर से अधिवक्ता अरविंद सोनी ने कोर्ट में दावा किया था कि वादी के परिवार का लंबे समय से भूमि पर कब्जा है और जेडीए द्वारा भू-राजस्व अधिनियम की धारा 90-बी के तहत की गई कार्यवाही अवैध है। अनुसूचित जाति की भूमि के हस्तांतरण के संबंध मे कानूनी प्रक्रिया की अनदेखी की गई है। ऐसी भूमि के मामले में बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति धारा 90-बी की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जा सकती।

प्रवर्तन विंग का अतिक्रमण पर फोकस

जेडीए के प्रवर्तन विंग जयपुर में कृषि भूमि पर बसाई जाने वाली नई कॉलोनियों और अतिक्रमण पर फोकस कर रही है। जबकि जेडीए की लीगल सेल में अफसरों की बड़ी फौज तैनात है। बावजूद इसके कोर्ट में चल रहे केसों की निगरानी और सुनवाई में बरती जा रही लापरवाही के नतीजे के चलते सांगानेर स्थित 180 करोड़ रुपए कीमत की बेशकीमती 12 बीघा जमीन के लिए जेडीए से कोर्ट में पैरवी करने के लिए कोई वकील ही नहीं पहुंचा। ऐसे में शहर के अधीनस्थ न्यायालय ने दावा करने वाले के पक्ष में एकपक्षीय आदेश जारी किया।

जेडीए का बढ़ता दायरा, जमीन का टोटा

जयपुर शहर और आसपास के गांवों को जेडीए की सीमा में शामिल किया गया है। ऐसे में जेडीए के लैंड बैंक में भी इजाफा हो रहा है। लेकिन जेडीए स्वामित्व की जमीनों को लेकर खुद जेडीए गंभीर नजर नहीं है। जेडीए की कई जमीनों पर अवैध कब्जे अब तक भी बरकरार हैं। अवैध अतिक्रमण हटाने के बाद फिर से जमीनों पर कब्जे की दर्जनों शिकायतें जेडीए को मिलती हैं।

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Updated on:
17 Dec 2025 08:15 am
Published on:
17 Dec 2025 08:14 am
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