Phone Tapping Controversy: भजनलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के फोन टैपिंग विवाद में मिले नोटिस के बाद तेवर नरम पड़ते नजर आ रहे हैं।
Phone Tapping Controversy: भजनलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के तेवर अब नरम पड़ते नजर आ रहे हैं। फोन टैपिंग विवाद में बीजेपी के नोटिस का जवाब देने के बाद अब उन्होंने समरावता हिंसा मामले में अपनी फोटो के इस्तेमाल से भी इनकार कर दिया है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से एक्स पर लिखा है कि उनके फोटो और पुराने वीडियो का इस्तेमाल आंदोलन से जुड़े पोस्टरों और बैनरों में न किया जाए
कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने एक्स पर पोस्ट कर अपील की कि उनके फोटो और पुराने वीडियो का इस्तेमाल आंदोलन से जुड़े पोस्टरों और बैनरों में न किया जाए। उन्होंने लिखा कि मैं जनता के सहयोग के लिए तीन बार समरावता गया। जेल में आंदोलनकारियों से भी मिला। अब आंदोलनकारी विधानसभा का घेराव करने वाले हैं। कृपया इससे जुड़े बैनर-पोस्टरों में मेरे फोटो व पुराने वीडियो आदि का उपयोग नहीं करें, क्योंकि मैं सरकार का हिस्सा हूं। इससे मुझे समस्या खड़ी हो सकती है।
बताते चलें कि समरावता हिंसा मामले में किरोड़ीलाल मीणा पहले खासी सक्रिय भूमिका में थे। उन्होंने 2-3 बार समरावता का दौरा किया और गृह राज्य मंत्री से वहां के लोगों को मिलवाया था। उन्होंने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग भी उठाई थी। मीडिया में पीड़ितों की आवाज को प्रमुखता से रखा था। लेकिन अब जब समरावता के लोग विधानसभा घेराव की तैयारी कर रहे हैं, तो किरोड़ी ने खुद को सरकार का हिस्सा बताते हुए आंदोलन से दूरी बना ली है।
सियासी गलियारों में चर्चा है कि समरावता के आंदोलनकारी अपने बैनर-पोस्टरों में किरोड़ी के फोटो का इस्तेमाल कर रहे थे, जिससे यह संदेश जा रहा था कि कृषि मंत्री आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। इससे बीजेपी और सरकार के लिए सियासी असहजता बढ़ सकती थी।
इधर, बीजेपी पहले ही किरोड़ी को फोन टैपिंग मामले में नोटिस जारी कर चुकी है। ऐसे में क्या यह नोटिस ही वजह बनी कि किरोड़ी ने अब सरकार के खिलाफ खुलकर खड़े होने से परहेज कर लिया? या फिर किरोड़ी नहीं चाहते कि नोटिस का जवाब देने के बाद अब अपनी ही सरकार के खिलाफ एक और आंदोलन से उनका नाम जोड़ा जाए?
इसके अलावा किरोड़ी लाल मीणा का यह निर्णय दर्शाता है कि वह सरकार के भीतर रहकर अपनी भूमिका को लेकर सतर्क हो गए हैं। इससे यह भी साफ हो रहा है कि वह सरकार और पार्टी के बीच संतुलन बनाए रखना चाहते हैं। इसके अलावा फोन टैपिंग के आरोपों पर जिस तरह से बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व ने संज्ञान लिया है, उससे भी कहीं ना कहीं किरोड़ी लाल मीणा के तेवर नरम पड़े हैं।
बताते चलें कि कुछ दिन पहले किरोड़ी लाल मीणा ने सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि मेरा टेलीफोन रिकॉर्ड किया जा रहा है। उनके इस बयान पर कांग्रेस ने विधानसभा में सरकार को घेरा। इस पर भाजपा हाईकमान सक्रिय हुआ और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राजस्थान भाजपा नेतृत्व से चर्चा की। इसके बाद ही पार्टी ने उन्हें नोटिस भेजा, जिसका जवाब उन्होंने केन्द्रीय नेतृत्व और पार्टी को भेज दिया है।