कजाकिस्तान में ब्रेन हैमरेज झेल रहे एमबीबीएस छात्र राहुल घोसल्या (22) को एयर एंबुलेंस से जयपुर लाया गया। उसे एसएमएस अस्पताल की आईसीयू में भर्ती कर चार विशेषज्ञों की टीम ने इलाज शुरू किया।
जयपुर: कजाकिस्तान में जिंदगी की जंग लड़ रहे राजस्थान के एमबीबीएस छात्र राहुल घोसल्या (22) को आखिरकार जयपुर लाया गया है। सोमवार शाम करीब 7.30 बजे एयर एंबुलेंस से जयपुर एयरपोर्ट पहुंचने के बाद राहुल को मेडिकल और जिला प्रशासन की टीम की निगरानी में एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उसे मेडिकल आईसीयू फर्स्ट वार्ड में रखा गया है।
एयरपोर्ट पर सीएमएचओ डॉ. रवि शेखावत, डॉ. अनिल और भाजपा नेता उपेन यादव सहित जयपुर प्रशासन की टीम तैनात रही। एसएमएस अस्पताल से विशेष क्रिटिकल एंबुलेंस और डॉक्टरों की टीम एयरपोर्ट भेजी गई थी। राहुल के अस्पताल पहुंचने पर मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी की देखरेख में इलाज शुरू हुआ।
अस्पताल प्रशासन ने राहुल के उपचार के लिए चार विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम गठित की है। इसमें न्यूरोलॉजी विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. दिनेश खंडेलवाल, एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. निहार शर्मा, जनरल मेडिसिन के डॉ. जीएल धायल, इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. सतीश मीणा तथा अतिरिक्त अधीक्षक नरेंद्र सिंह चौहान शामिल हैं।
शाहपुरा तहसील के नयाबास निवासी राहुल 2021 से अस्ताना (कजाकिस्तान) में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था। 8 अक्टूबर को उसे ब्रेन हैमरेज हुआ, जिसके बाद वह वहां के अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर था।
राहुल को बेहतर इलाज मिले इसके लिए परिजन, भाजपा नेता उपेन यादव, पूर्व जिला पार्षद महेंद्र चौधरी सहित कई लोग लगातार प्रयासरत रहे। यादव ने राहुल को एयरलिफ्ट कर भारत लाने के लिए दिल्ली में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से मिलकर गुहार लगाई थी। इसी दौरान शाहपुरा विधायक मनीष यादव ने भी संवेदनशीलता दिखाते हुए राहुल के उपचार के लिए एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की थी।
राजस्थान एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (राना) ने राहुल की वतन वापसी में बड़ी भूमिका निभाई। संगठन के अध्यक्ष प्रेम भंडारी ने परिजनों से बातचीत के बाद भारतीय दूतावास से संपर्क किया और शिफ्टिंग की प्रक्रिया में मदद की।
विदेश मंत्रालय, इंडियन कम्युनिटी वेलफेयर फंड, राना संगठन, विधायक मनीष यादव सहित जनसहयोग से हुई कोशिशों के चलते राहुल की भारत वापसी संभव हो सकी। जयपुर पहुंचने के बाद अब एसएमएस अस्पताल में उसकी निगरानी में इलाज जारी है।