केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अरावली क्षेत्र में नए खनन पट्टों पर रोक लगा दी है।
जयपुर। केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अरावली क्षेत्र में नए खनन पट्टों पर रोक लगा दी है। केंद्र ने राज्य सरकारों को अरावली में किसी भी प्रकार के नए खनन पट्टे देने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने केंद्र सरकार के इस फैसले को एतिहासिक बताया है। वहीं, पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्र के फैसले में कुछ भी नया नहीं है।
बता दें कि अरावली पर्वतमाला की नई परिभाषा को लेकर आलोचनाओं से घिरी केंद्र सरकार ने अब इसके संरक्षण के लिए बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अरावली क्षेत्र को अवैध खनन से बचाने के लिए रणनीति तैयार की है। इसके तहत राज्यों को अरावली क्षेत्र में किसी भी नए माइनिंग लीज के आवंटन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इस फैसले का असर दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात में फैले अरावली क्षेत्र पर पड़ेगा।
अरावली में नए खनन पट्टों पर लगी रोक के बाद सीएम भजनलाल शर्मा ने एक लेटर अपलोड करते हुए एक्स पर लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने आज एतिहासिक फैसला लिया है।
उन्होंने आगे लिखा कि इस फैसले के अंतर्गत सम्पूर्ण अरावली पर्वतमाला में नए खनन पट्टों पर पूर्ण प्रतिबंध लगेगा, पूरे क्षेत्र में अतिरिक्त Eco Sensitive Zone चिन्हित किए जाएंगे तथा विज्ञान-आधारित Sustainable Mining Plan तैयार किया जाएगा। कांग्रेस ने दशकों तक अवैध खनन माफिया को संरक्षण दिया है, 'झूठ' और 'भ्रम' फैलाकर जनता को गुमराह करने वाली कांग्रेस को अब आत्ममंथन करना चाहिए और नकारात्मक राजनीति छोड़कर राजस्थान की सम्मानित जनता के साथ ईमानदारी से पेश आना चाहिए।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक्स पर लिखा कि भारत सरकार द्वारा राज्यों को अरावली में ICFRE के माध्यम से 'मैनेजमेंट प्लान फॉर सस्टेनेबल माइनिंग' (MPSM) बनने तक नए पट्टे जारी करने पर रोक लगाना, केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बिंदु 50 के उप-बिंदु (v) की पालना है। इसमें कुछ भी नया नहीं है। केंद्र सरकार केवल हेडलाइन मैनेजमेंट के लिए इसका प्रचार कर रही है, पर इंटरनेट के इस दौर में जनता को भ्रमित करना आसान नहीं है।