99085 Crore Liters Of Water Wasted: जलदाय विभाग के अफसर बिजली कटौती का बहाना गढ़कर प्यास बुझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि टैंकर माफिया की जेबें भर रही हैं और आम आदमी की जेब खाली हो रही है।
99,08,50,00,00,000 यानी 99085 करोड़ लीटर पानी यों ही बह गया, दूसरी तरफ शहरवासी नलों में आधे घंटे का भी पानी ढूंढ़ रहे हैं। महेश नगर, दुर्गापुरा और महावीर नगर जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में लोग आधा घंटे की अघोषित कटौती झेल रहे हैं।
जलदाय विभाग के अफसर बिजली कटौती का बहाना गढ़कर प्यास बुझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि टैंकर माफिया की जेबें भर रही हैं और आम आदमी की जेब खाली हो रही है। ऐसे में लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब पानी बांध से यों ही बहाया जा सकता है, तो उसे प्यासे शहरवासियों तक क्यों नहीं पहुंचाया गया? या फिर विभाग की नीति ही यह है कि पानी नहीं, सिर्फ बहाने सप्लाई किए जाएं।
महेश नगर और महावीर नगर में सप्लाई कटौती का मामला एसीई शुभांशु दीक्षित तक पहुंचा। उन्होंने दोनों इलाकों के उपभोक्ताओं से फोन पर बात कर वास्तविक स्थिति जानी। उपभोक्ताओं ने बताया कि पानी हर दिन आधा घंटा कम मिल रहा है। जब इस पर महेश नगर सहायक अभियंता से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बिजली बंद होने के कारण सप्लाई पूरी नहीं मिल पा रही है।
मालवीय नगर डिवीजन के अधीन दुर्गापुरा सब डिवीजन में भी इसी तरह की स्थिति सामने आई है। यहां महावीर नगर में अयप्पा मंदिर के आसपास के घरों में पिछले 15 दिनों से पानी की किल्लत बनी हुई है। सप्लाई टाइम में रोज़ाना 20 मिनट की कटौती की जा रही है। उपभोक्ता कई बार दुर्गापुरा सहायक अभियंता से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अब तक किसी ने उनकी गुहार नहीं सुनी।
महावीर नगर निवासी अशोक जैन ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि बीसलपुर बांध से एक महीने से लगातार पानी व्यर्थ बह रहा है। जलदाय विभाग को चाहिए कि पानी को यूं बहाने के बजाय लोगों को पिलाए। इससे कम से कम आमजन को टैंकर पर खर्च करने की नौबत नहीं आएगी और जल संकट से राहत मिलेगी।
महेश नगर सहायक अभियंता मंगतू राम जैन ने सप्लाई कटौती का कारण बिजली कटौती बताया। वहीं रामबाग सहायक अभियंता संदीप सहगल ने कहा कि बिजली कटौती केवल 4 घंटे की होती है और 20 घंटे सप्लाई बहाल रहती है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि समस्या बिजली की नहीं बल्कि जलदाय विभाग के स्तर पर ही गड़बड़ी की है।