PKC-ERCP Update : जयपुर के दादिया गांव में आयोजित कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी के सामने क्यों हुआ PKC-ERCP पर एमओए साइन। मौके पर मौजूद थे राजस्थान सीएम भजनलाल शर्मा, मध्य प्रदेश सीएम मोहन यादव व केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल। जानें राजस्थान के किन जिलों को फायदा मिलेगा।
PKC-ERCP Update : राजस्थान के लिए आज 17 दिसम्बर का दिन बेहद ऐतिहासिक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राजस्थान के जयपुर के दादिया गांव में पहुंचे। मौका था भजनलाल सरकार के एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में आयोजित 'एक वर्ष-परिणाम उत्कर्ष' कार्यक्रम का। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी की उपस्थिति में राजस्थान सीएम भजनलाल शर्मा, मध्य प्रदेश सीएम मोहन यादव व केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (पीकेसी-ईआरसीपी) के मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (एमओए) पर साइन किया। इससे पहले पीएम मोदी ने PKC-ERCP प्रोजेक्ट के पहले फेज का शिलान्यास किया।
PKC-ERCP प्रोजेक्ट सीधे 21 जिलों की 3.45 करोड़ आबादी से जुड़ा हुआ है। इन जिलों में 85 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इसलिए राज्य सरकार भी पीएम मोदी के सामने एमओए पर हस्ताक्षर कराने की इच्छुक थी। केन्द्र सरकार के लिए भी यह बड़ा प्रोजेक्ट है। एमओए का मतलब दोनों राज्य प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए तैयार हैं। प्रोजेक्ट लागत से लेकर पानी आवंटन तक का हिस्सा इसमें तय किया गया है।
पीएम मोदी ने दोनों राज्यों की नदियों पार्वती, कालीसिंध और चम्बल नदी के जलों के प्रतिरूपी घड़ों में भरे पानी को पार्वती कालीसिंध चंबल परियोजना के प्रतिरूपी घड़े में पानी मिलाकर इसका शिलान्यास किया। इस कलश का नाम राम सेतु कलश दिया गया।
पहला चरण चार साल में पूरा होगा। इसमें नवनेरा बैराज से बीसलपुर और ईसरदा तक पानी लाया जाएगा। इसके तहत रामगढ़ बैराज, महलपुर बैराज, नौनेरा में नहरी तंत्र और पपिंग स्टेशन, मेज नदी पर पपिंग स्टेशन बनाया जाएगा। साथ ही 2.6 किमी लंबी टनल भी तैयार होगी। बीसलपुर बांध में 11.2 टीएमसी और ईसरदा में 10.5 टीएमसी पानी दिया जाएगा। इससे कोटा, बूंदी, टोंक, जयपुर, सवाईमाधोपुर, दौसा, अजमेर जिले के लोग लाभान्वित होंगे। कूल नदी, पार्वती नदी व कालीसिंध नदी के अतिरिक्त जल को नवनेरा बैराज पर पपिंग द्वारा नहर एवं चबल नदी पर नहर का निर्माण कर राज्य के अन्य क्षेत्रों में भेजा जाएगा।
जयपुर, झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, अजमेर, टोंक, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, गंगापुरसिटी, ब्यावर, केकड़ी, दूदू, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, डीग व जयपुर ग्रामीण। इसके अलावा 158 बांध-तालाब और अन्य जल स्रोतों को भी भरा जाएगा। इसके लिए 600 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी रिजर्व रखेंगे।
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) का जनवरी 2024 में नाम बदलकर पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना कर दिया। पीकेसी-ईआरसीपी में चंबल और इसकी सहायक नदियां पार्वती, कालीसिंध, कुनो, बनास, बाणगंगा, रूपरेल, गंभीरी और मेज शामिल हैं।