कई स्थानों पर खड़ी फसल गिरकर सड़ने लगी है जिससे किसानों की वर्षभर की मेहनत पर संकट मंडरा रहा है।
कोटपूतली-बहरोड़. जहां एक ओर पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने मौसम को सुहाना बना दिया है वहीं दूसरी ओर किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। खेतों में भरे बारिश के पानी से बाजरे की फसल बुरी तरह प्रभावित हो गई है। कई स्थानों पर खड़ी फसल गिरकर सड़ने लगी है जिससे किसानों की वर्षभर की मेहनत पर संकट मंडरा रहा है। इस सीजन में जिले में इस बार के खरीफ सीजन में 1.26 लाख हेक्टेयर में बाजरा, 1500 हेक्टेयर में ग्वार, 1545 हेक्टेयर में कपास की पैदावार की गई है। किसानों का कहना है कि इस बार बाजरे की पैदावार बेहतर रहने की उम्मीद थी लेकिन पानी भराव के कारण उत्पादन लगभग आधा होने की आशंका है। पूरी मेहनत और लागत लगाई थी लेकिन अब खेत देखकर दिल टूट रहा है। किसानों की यही पीड़ा पूरे इलाके में गूंज रही है।
कृषि विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि खेतों से पानी की निकासी नहीं हुई तो फसल पूरी तरह चौपट हो सकती है। अत: किसान खेतों में भरे हुए जल की निकासी का प्रबंध करें व खेतों में गिर चुके बाजरे की फसल को अभी नहीं काटे। मौसम खुलने पर थोड़ी धूप में गिरे हुए पौधे सही हो जाएंगे फिर काटे क्योंकि 10-5 दिन की देरी से बाजरे की फसल की कटाई में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। किसी भी प्रकार का स्प्रे वगैरा अभी ना करें वरना फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। वहीं दूसरी ओर किसान अब प्रशासन की ओर उम्मीद लगाए बैठे हैं कि नुकसान का आंकलन कर मुआवजा दिया जाए।
जिले में कृषि सुपरवाइजर फसल के नुकसान का सर्वे कर रहे हैं। कल तक की रिपोर्ट में अभी 1700 हैक्टेयर बाजरे की फसल के नुकसान का आंकलन हुआ है, अभी 2 दिन और सर्वे किया जाएगा फिर वास्तविक नुकसान के आंकड़े आएंगे।
रामजी लाल यादव, सहायक निदेशक कृषि-कोटपूतली-बहरोड़