6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

भारत-चीन के व्यापार संबंधों से राजस्थानी बाजार भरेंगे उड़ान,‘लोकल फॉर वोकल’ और ‘आत्मनिर्भर’ भारत से समझौता नहीं

India-China trade: दोनों नेताओं ने 2.8 अरब लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई, जो वैश्विक आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देगा।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

MOHIT SHARMA

Sep 02, 2025

Photo; Patrika Network

Photo; Patrika Network

मोहित शर्मा .

Rajasthan Economy: जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनङ्क्षपग के बीच रविवार को तियानजिन में हुई की द्विपक्षीय बैठक ने भारत-चीन संबंधों में नई संभावनाएं खोली हैं। दोनों नेताओं ने 2.8 अरब लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई, जो वैश्विक आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देगा। इस बैठक का महत्व तब और बढ़ जाता है, जब अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत और चीन पर भारी टैरिफ लगाए हैं। राजस्थान, अपने खनिज, हस्तशिल्प और कपड़ा उद्योगों के लिए प्रसिद्ध है। इस सहयोग से आर्थिक और औद्योगिक लाभ प्राप्त होंगे लेकिन संतुलन जरूरी होगा। विशेषज्ञो का कहना है कि दोनों देशों के बीच ’’लोकल फॉर वोकल’’ और ’’आत्मनिर्भर भारत’’ से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। अतीत बताता है कि चीन हमेशा समय और परिस्थति को देखकर समझौता करता है इसलिए भारत को भी सतर्क रहने की जरूरत है।

राजस्थान के लिए व्यापारिक अवसर

राजस्थान की अर्थव्यवस्था को भारत-चीन सहयोग से कई क्षेत्रों में लाभ मिलेगा। 2024 में राजस्थान से चीन को 1.2 अरब डॉलर का निर्यात हुआ, जिसमें रत्न-आभूषण (500 मिलियन डॉलर), खनिज (400 मिलियन डॉलर), और कपास (200 मिलियन डॉलर) शामिल हैं। जयपुर और उदयपुर से रत्न-आभूषण निर्यात में 17% वृद्धि की संभावना है। खेतड़ी (झुंझुनूं) में तांबा उत्पादन (2023 में 4,890 टन) बढ़ेगा। जोधपुर और भीलवाड़ा से कपड़ा निर्यात में 20% वृद्धि संभावित है।

सस्ते आयात से उत्पादन लागत में कमी

राजस्थान के उद्योगों में प्लाईवुड, इलेक्ट्रिक स्विच और कच्चे माल का आयात चीन से होता है। बेहतर व्यापारिक संबंधों से इनकी कीमतें कम होंगी, जिससे उत्पादन लागत घटेगी और राजस्थान के उत्पाद वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनेंगे।

हस्तशिल्प व फर्नीचर उद्योग

जोधपुर और जयपुर के हस्तशिल्प और फर्नीचर विश्व प्रसिद्ध हैं। बेहतर व्यापारिक संबंधों से चीन के विशाल बाजार में इन उत्पादों का निर्यात बढ़ेगा। चीनी उपभोक्ताओं की मांग को देखते हुए, स्थानीय कारीगरों और छोटे उद्यमियों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

रेयर अर्थ मिनरल्स के मिले भंडार

राजस्थान में लैंथियम, सीरियम और नियोडियम जैसे रेयर अर्थ मिनरल्स के भंडार मिले हैं, जो इलेक्ट्रिक वाहनों और रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण हैं। चीन, जो इन खनिजों का सबसे बड़ा उत्पादक है, तकनीकी सहयोग और निवेश से राजस्थान के खनन उद्योग को बढ़ावा दे सकता है। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक लाभ मिलेगा।

चुनौतियां और सावधानियां

भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा 2024-25 में 99.21 अरब डॉलर तक पहुंचा है, जो निर्यातकों के लिए चुनौती है। राष्ट्रीय सुरक्षा और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए चीनी निवेश पर सतर्कता जरूरी है। ’’लोकल फॉर वोकल’’ को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय उद्योगों को मजबूत करना होगा।

5 साल में राजस्थान से चीन को निर्यात (मिलियन डॉलर)

वर्षकुल निर्यातरत्न-आभूषणखनिजकपास
2020800300250150
2021850320270160
20221,000400350180
20231,100450380190
20241,200500400200
स्रोत: केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय रिपोर्ट 2024