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Rajasthan News: ‘25 साल के बिजली खरीद अनुबंध से उपभोक्ताओं पर भार’, विशेषज्ञों ने जताई आपत्ति

राजस्थान में 3200 मेगावाट बिजली खरीद अनुबंध से जुड़ी याचिका पर राज्य विद्युत विनियामक आयोग में सुनवाई पूरी हुई। विशेषज्ञों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि 25 साल तक बिजली खरीद का अनुबंध करना आम उपभोक्ताओं के लिए नुकसानदेह साबित होगा।

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Sep 30, 2025
आरईआरसी में बिजली खरीद एग्रीमेंट से जुड़ी याचिका पर सुनवाई, फोटो सोर्स-एआइ

Jaipur Discom: राजस्थान में 3200 मेगावाट बिजली खरीद अनुबंध से जुड़ी याचिका पर राज्य विद्युत विनियामक आयोग में सुनवाई पूरी हुई। विशेषज्ञों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि 25 साल तक बिजली खरीद का अनुबंध करना आम उपभोक्ताओं के लिए नुकसानदेह साबित होगा। उनका तर्क है कि तकनीक लगातार बदल रही है और उत्पादन लागत घट रही है। ऐसे में लंबे समय तक तय कीमत पर बिजली खरीदने से उपभोक्ताओं को भविष्य में महंगी बिजली ही मिलेगी, जबकि बाजार में सस्ती दर पर विकल्प उपलब्ध रहेंगे। आपत्तिकर्ताओं ने आयोग के सामने यह भी कहा कि निगम ने कई जरूरी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए, जिससे पूरे प्रस्ताव की गणित बदल सकती थी। आयोग ने इस पर आपत्तिकर्ताओं से लिखित जानकारी मांगी और फैसला सुरक्षित रख लिया।

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इनका चाहिए जवाब

- विशेषज्ञों ने तर्क दिया कि जब​ तकनीक लगातार बदल रही है और बिजली उत्पादन की लागत घट रही है, ऐसे में 25 साल का अनुबंध क्यों?
- पहले तैयार रिसोर्स एडक्वेसी प्लान (2025-2030) में 4200 मेगावाट बिजली का गेप बताया गया था, लेकिन नए प्लान में यह घटकर सिर्फ 1450 मेगावाट रह गया। इसे नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है?
- दिन में पर्याप्त मात्रा में सोलर एनर्जी उपलब्ध है, तो फिर 24 घंटे बिजली खरीदने का अनुबंध क्यों? केवल पीक ऑवर्स के लिए अनुबंध ही पर्याप्त है।

इनसे इतनी बिजली

* छबड़ा पावर प्लांट- 1600 मेगावाट
* कालीसिंध प्लांट- 800 मेगावाट
* बांसवाड़ा का न्यूक्लियर प्रोजेक्ट- 2800 मेगावाट, जिसमें से 1400 मेगावाट राजस्थान के हिस्से की है​।

जो बिजली मिलेगी, उसका जिक्र नहीं

प्रस्ताव में उन बिजली अनुबंधों का जिक्र नहीं है, जिनसे प्रदेश को बिजली मिलनी है। इनके लिए जॉइंट वेंचर किया गया है। निगम ने तर्क दिया कि यह बिजली मिलेगी या नहीं, फिलहाल तय नहीं है। बिजली आकलन समिति (एनर्जी असेसमेंट कमेटी) की रिपोर्ट में भी इस जिक्र नहीं है, जबकि ऊर्जा सचिव खुद सदस्य होते हैं।

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Updated on:
30 Sept 2025 12:01 pm
Published on:
30 Sept 2025 11:59 am
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