जयपुर

Save Aravalli : अरावली पर सियासी संग्राम, राजस्थान की राजनीति गरमाई, भाजपा का पलटवार, कांग्रेस का सत्याग्रह

Save Aravalli : राजस्थान में अरावली संरक्षण को लेकर राजनीति गरमा गई है। भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर आरोप लगाया कि वे अपने कार्यकाल की कमियों को छिपाने के लिए भ्रम फैला रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने मौन सत्याग्रह कर आंदोलन का आगाज किया।

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Save Aravalli : पूर्व नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता राजेन्द्र राठौड़ ने अरावली मामले पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर पलटवार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत अपने कर्म छिपाने के लिए भ्रम फैला रहे हैं। अरावली की ऊंचाई को लेकर गहलोत के कार्यकाल में जो शपथ पत्र दिया, अब वही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है।

राठौड़ ने गहलोत के विधानसभा नहीं आने पर निशाना साधते हुए कहा कि सदन में आएं और मुद्दे उठाएं, लेकिन सच यह है कि उनके साथ कांग्रेस पार्टी भी नहीं है। राजेन्द्र राठौड़, विधायक कुलदीप धनखड़ व महेन्द्र पाल मीणा ने रविवार को पार्टी मुख्यालय पर मीडिया से बातचीत की।

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राजेन्द्र राठौड़, MLA कुलदीप धनखड़ व महेन्द्र पाल मीणा ने पार्टी मुख्यालय पर मीडिया से बातचीत की। फोटो पत्रिका

उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत ने सेव अरावली अभियान शुरू किया, लेकिन न कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा, न राहुल गांधी, न मल्लिकार्जुन खड़गे और न सचिन पायलट ने प्रोफाइल पि€क्चर बदली। इससे स्पष्ट है अभियान राजनीतिक दिखावा है। पूरे अरावली क्षेत्र में से 2.56 फीसदी ही खनन के दायरे में है। 700 से ज्यादा पट्टे गहलोत के कार्यकाल में दिए गए, अब चाय के प्याले में तूफान खड़ा कर रहे हैं। वर्तमान सरकार ने तो 19,741 अवैध खानों पर कार्रवाई की और 2,828 एफआइआर दर्ज हुईं।

‘अरावली न पहले खतरे में थी, न आज है और न आगे होगी’

राजेन्द्र राठौड़ राठौड़ ने कहा कि केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने स्पष्ट कर दिया है सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से अरावली पर कोई आंच नहीं आएगी। न्यायालय के आदेश, सरकारी रिकॉर्ड व वैज्ञानिक तथ्य सिद्ध करते हैं कि अरावली न पहले खतरे में थी, न आज है और न आगे होगी।

सुप्रीम कोर्ट में गलत रिपोर्ट प्रस्तुत की : खाचरियावास

पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास। फोटो पत्रिका

जयपुर में पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के नेतृत्व में अरावली को बचाने को लेकर रविवार को कांग्रेसियों ने सत्याग्रह किया। कार्यकर्ता तख्तियां लेकर नारे लगाते हुए आंबेडकर सर्कल पहुंचे। जहां भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के नीचे 45 मिनट तक मौन सत्याग्रह कर आंदोलन का आगाज किया।

जयपुर में पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के नेतृत्व में कांग्रेसियों का सत्याग्रह। फोटो पत्रिका

खाचरियावास ने सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि पर्यावरण मंत्रालय द्वारा गठित कमेटी ने उद्योगपतियों से सांठ-गांठ कर गलत रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश कर दी। खाचरियावास ने कहा कि केंद्र सरकार को फैसला बदलवाना चाहिए, नहीं तो टकराव होगा। आज से हमने सत्याग्रह का आगाज कर दिया है। सत्याग्रह में जिला अध्यक्ष आर.आर. तिवारी, विधायक रफीक खान, पुष्पेंद्र भारद्वाज, अर्चना शर्मा सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे।

2010 में खारिज ‘100 मीटर’ फॉर्मूला 2024 में सही क्यों : अशोक गहलोत

पूर्व सीएम अशोक गहलोत। फोटो पत्रिका

पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव व भाजपा नेता राजेन्द्र राठौड़ के आरोपों पर पलटवार किया है। गहलोत ने ‘100 मीटर’ परिभाषा को लेकर 2010 और 2024 की स्थिति की तुलना करते हुए सवाल उठाया कि जिसे सुप्रीम कोर्ट 14 साल पहले खारिज कर चुका है, उसी परिभाषा को भाजपा सरकार ने दोबारा सही ठहराने की कोशिश क्यों की।

वर्ष 2003 में विशेषज्ञ समिति ने आजीविका और रोजगार के लिए अरावली की परिभाषा में ‘100 मीटर’ का सुझाव दिया था। जिसे तत्कालीन राज्य सरकार ने शपथपत्र के जरिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखा, लेकिन कोर्ट ने 3 दिन बाद 19 फरवरी, 2010 को इसे खारिज कर दिया।

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Updated on:
22 Dec 2025 09:21 am
Published on:
22 Dec 2025 09:04 am
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