मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास के आते ही सरकार ने 48 IAS और 33 IFS अधिकारियों का तबादला कर शीर्ष स्तर पर बदलाव किया। अखिल अरोड़ा सीएमओ में एसीएस बने और शिखर अग्रवाल हटाए गए। कई अफसर कमजोर, तो कई को बड़ी जिम्मेदारी मिली।
जयपुर: मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास के पदभार ग्रहण करने के पांचवें दिन शुक्रवार देर रात राज्य सरकार ने शीर्ष नौकरशाही में बड़ा फेरबदल किया। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 48 अधिकारियों के तबादले में सबसे बड़ा बदलाव मुख्यमंत्री कार्यालय में हुआ है।
अखिल अरोड़ा को सीएमओ में अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) नियुक्त किया गया है और उनके पास जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) भी बरकरार रहेगा। वहीं, शिखर अग्रवाल को सीएमओ से हटाकर उद्योग विभाग में एसीएस, रीको अध्यक्ष और राजसिको सीएमडी नियुक्त किया गया है।
कई अधिकारियों को कमजोर किया गया है, जबकि कुछ की जिम्मेदारियां बढ़ाई गई हैं। आईएएस बनने के बाद भी उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी के विशिष्ट सहायक के रूप में कार्यरत ललित कुमार को चिकित्सा शिक्षा विभाग में संयुक्त सचिव लगाया गया है। करीब दो महीने पहले प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बाद से एपीओ चल रही अर्चना सिंह को कार्मिक विभाग का सचिव बनाया गया है। राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) और अन्य सेवाओं से आईएएस बने अधिकारियों को पदोन्नति के बाद पहली बड़ी जिम्मेदारी मिली है।
राज्य की ब्यूरोक्रेसी में शीर्ष स्तर पर बैठे नौकरशाहों के बीच लंबे समय से मतभेद और खींचतान की खबरें सामने आ रही थीं। इसी के चलते कुछ समय पहले मुख्य सचिव रहे सुधांश पंत को दिल्ली बुला लिया गया था। अब मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल को भी सीएमओ से हटा दिया गया। माना जा रहा है कि पंत और शिखर के बीच लंबे समय से तनाव और विवाद की स्थिति थी, जिसकी रिपोर्ट दिल्ली तक पहुंच चुकी थी।
17 नवंबर को पद संभालने के बाद से ही सीएस वी. श्रीनिवास सक्रिय रहे। आईएएस एसोसिएशन, संभागायुक्त-कलक्टरों के साथ हुई बैठकों के जरिए उन्होंने लगभग सभी सीनियर अधिकारियों से चर्चा की। माना जा रहा है कि जयपुर पहुंचने के पहले ही उनके पास फीडबैक था और यहां आने के बाद सरकार से इस नौकरशाही में बदलाव पर गहन चर्चा की। शुक्रवार को उन्हें अजमेर जाना था। मगर सुबह करीब 11.45 बजे कार्यक्रम निरस्त होने की सूचना दी गई और शाम को तबादला सूची जारी हो गई।
भरतपुर और कोटा के संभागीय आयुक्त भी बदल दिए हैं। कार्मिक विभाग ने शुक्रवार को भारतीय वन सेवा के तबादलों के बाद देर रात आईएएस तबादला सूची जारी की। इसमें एसीएस प्रवीण गुप्ता को सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के साथ पर्यटन विभाग भी सौंपा गया है तथा नवीन जैन को वित्त विभाग से हटाकर सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) में लगाया गया है।
-आलोक गुप्ता, अध्यक्ष, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल
-दिनेश कुमार, प्रमुख सचिव प्रशासनिक सुधार
-राजेश यादव, समन्वयक हरिश्चंद्र माथुर संस्थान
-अम्बरीष कुमार, सचिव खाद्य एवं आपूर्ति व उपभोक्ता मामले
-इकबाल खान, आयुक्त एवं संयुक्त सचिव निःशक्तजन
-गायत्री ए. राठौड़, प्रमुख सचिव चिकित्सा-स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा
-मंजू राजपाल, प्रमुख सचिव सहकारिता
-डॉ. जोगाराम, सचिव राजस्व-उपनिवेशन, पंचायती राज
-पुरुषोत्तम शर्मा, आयुक्त परिवहन, एमडी रोडवेज
-राजन विशाल, सचिव वित्त (बजट)
राज्य सरकार ने शुक्रवार को आदेश जारी कर अखिल भारतीय वन सेवा के 33 अधिकारियों के साथ ही राजस्थान वन सेवा के 14 अधिकारियों का तबादला कर दिया है। बड़ा बदलाव वाइल्ड लाइफ विंग में किया है। आईएफएस शिखा मेहरा को प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक से हटाकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) पद पर लगाया है। उनके स्थान पर अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक के.सी.ए. अरुण प्रसाद को सौंपी गई है।
-अखिल अरोड़ा मुख्यमंत्री की 1 लंबे समय से पसंद रहे हैं। एसीएस वित्त से हटाए जाने के समय भी चर्चा थी कि उन्हें एसीएस सीएम बनाया जा सकता है। मालूम हो, योजना भवन के बेसमेंट में सोना व नकदी मिलने के मामले में अरोड़ा ईडी के रडार पर रहे हैं। सरकार बनने से पहले तक भाजपा नेताओं ने उन पर कई आरोप लगाए।
-पंत के मुख्य सचिव रहते शिखर अग्रवाल का सुधांश टकराव रहा। उन्होंने ब्यूरोक्रेसी में अपने पसंदीदा अफसरों की टीम बनाई।
-चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह सींवसर और अम्बरीष कुमार के बीच खींचतान चल रही थी और खींवसर उनकी शिकायत कर रहे थे।
-उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी के पास पीडब्ल्यूडी व पर्यटन दोनों विभाग हैं। अब प्रवीण गुप्ता पीडब्ल्यूडी के साथ पर्यटन भी देखेंगे।
-राजस्व मंत्री हेमंत मीणा का प्रमुख राजस्व सचिव रहते दिनेश कुमार से टकराव रहा और अब उन्हें प्रशासनिक सुधार विभाग भेजा गया है।
-दिल्ली से लौटने पर राजेश यादव को स्वायत्त शासन विभाग दिया गया, जहां नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा से नहीं बनी। बाद में पर्यटन में भी उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी से तालमेल नहीं बना।
-आईएएस आलोक गुप्ता, लंबे समय से उद्योग विभाग में रुचि नहीं ले रहे थे। वे काफी समय छुट्टी पर रहे और लौटने के बाद भी विभागीय कार्यों में विशेष दिलचस्पी नहीं दिखाई।
-रोहित गुप्ता के पास पहले निगम की अतिरिक्त जिम्मेदारी थी, अब अध्यक्ष एवं प्रबंधन निदेशक अक्षय ऊर्जा निगम लगाया। प्रमुख ऊर्जा सचिव अजिताभ शर्मा की टीम में पहले उद्योग विभाग में थे, अब ऊर्जा में आए।