Cheap Electricity Production Update : राजस्थान में सस्ती बिजली उत्पादन पर नया अपडेट आया। पानी में सोलर पैनल (फ्लोटिंग) लगाने की तैयारी का कार्य थम गया है। जानें क्या है माजरा।
Cheap Electricity Production Update : राजस्थान में सस्ती बिजली उत्पादन पर नया अपडेट आया। सस्ती बिजली का उत्पादन बढ़ाने के लिए पानी में सोलर पैनल (फ्लोटिंग) लगाने की तैयारी कर रहा राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम अब पॉलिसी का इंतजार करेगा। केन्द्र सरकार लोटिंग सोलर पैनल के लिए पॉलिसी तैयार कर रही है, जिसमें लागत से लेकर उसकी ऑपरेशन-मेंटीनेंस तक की प्रक्रिया तय की जाएगी। इसी आधार पर प्रदेश भी अपनी नीति पर काम करेगा। यही कारण है कि निगम ने फिलहाल काम की गति मंद कर दी है। इस बीच निगम प्रदेश के दूसरे कई बांध, तालाब, झीलों को भी देख रहा है, जहां लोटिंग सोलर पैनल की संभावना हो, जिससे पॉलिसी लागू होते ही काम शुरू किया जा सके।
पायलट प्रोजेक्ट जयपुर में मानसागर या फिर अजमेर के आनासागर, फायसागर को चिह्नित किया गया था। लेकिन आनासागर के लिए स्थानीय प्रशासन ने इनकार कर दिया। वहीं, बड़े प्रोजेक्ट के लिए बीसलपुर और माही बांध को जायजा लिया गया है। एक टीम ने कुछ माह पहले जायजा लिया था।
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1- सामान्य प्लांट के मुकाबले लागत 25 से 30 प्रतिशत ज्यादा है। लागत को कम करना जरूरी।
2- बांध, तालाब, झील में पानी का लेवल कम होता है या फिर तेज हवा चलती है तो पैनल को डेमेज होने से बचाना।
इसके जरिए बांध, तालाब और झीलों से पानी का वाष्पीकरण 65 से 70 प्रतिशत तक कम होगा और जमीन की तुलना में 10 से 15 प्रतिशत तक ज्यादा बिजली बनेगी।
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