भरतपुर के मलाह गांव में खांसी की सिरप पीने से दो महीने के मासूम की मौत हो गई। दो बच्चे बीमार हो गए। दवा जयपुर स्थित केसन फार्मा की बताई जा रही है, जिसे पहले भी डिबार किया जा चुका है।
जयपुर: प्रदेश में नि:शुल्क दवा के रूप में दी जा रही कफ सिरप ने भरतपुर जिले के बयाना के मलाह गांव में दो महीने के मासूम की जान ले ली है। इससे पूर्व सीकर में भी एक मासूम की मौत हो गई थी। राज्य सरकार ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।
जानकारी के अनुसार, नि:शुल्क दवा योजना के अंतर्गत राज्य के सरकारी अस्पतालों में भेजी गई दवा डेसट्रोमेथोर्फन एचबीआर सिरप आईपी 13.5 मिग्रा 5 मिली (440) की आपूर्तिकर्ता फर्म जयपुर के सरना डूंगर औद्योगिक क्षेत्र की केसन फार्मा है। इसका मालिका वीरेन्द्र कुमार गुप्ता है। औषधि नियंत्रक अजय फाटक ने बताया कि कंपनी को पहले भी आरएमएससीएल में डिबार किया जा चुका है।
दिल्ली के एक चिल्ड्रन हॉस्पिटल में चार साल पहले डेस्ट्रोमेथोर्फन दवा के सेवन से 16 बच्चों की तबीयत बिगड़ी। इनमें से तीन मासूमों की इलाज के दौरान मौत हो गई। स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट में खुलासे के बाद इस पर रोक लगाई थी।
-दवा निर्माता ने घटिया दवा बनाई?
-क्वालिटी जांच में घटिया दवा पास कर दी गई?
-दवा मानकों के अनुसार थी तो सप्लाई के बाद अमानक कैसे हुई?
-अस्पतालों का भंडारण सिस्टम सही नहीं था?
-वितरण केंद्र का भंडारण सही नहीं?
भरतपुर जिले के बयाना के मलाह गांव में खांसी की सिरप पीने से एक बच्चे की मौत हो गई। मृतक के मामले में चाचा जयप्रवेश ने बताया कि 18 सितंबर को परिवार के तीन बच्चों साक्षी (4), विराट (6) और दो महीने के सम्राट का जुकाम-खांसी की शिकायत हुई थी। उन्हें गांव में पीएचसी से दवा दिलाई। घर आकर सभी बच्चों को दवा दी तो उनकी तबियत और बिगड़ गई।
सरकार इस मामले में गंभीर है। इसकी जांच जारी है। रिपोर्ट आने के बाद कोई दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-दीया कुमारी, उप मुख्यमंत्री (जोधपुर में)