बीसलपुर डेम ओवरफ्लो होने पर लगभग तैयार हो चुके ईसरदा डेम को इस साल से लबालब भरने वाला है। जल संसाधन विभाग ने की ओर बीसलपुर डेम के डाउनस्ट्रीम से लिंक डायवर्जन का काम तेजी से चल रहा है।
जयपुर की लाइफलाइन बीसलपुर डेम का पानी इस साल से चंबल नदी में व्यर्थ नहीं बहेगा। बीसलपुर डेम ओवरफ्लो होने पर लगभग तैयार हो चुके ईसरदा डेम को लबालब भरने वाला है। जल संसाधन विभाग ने की ओर बीसलपुर डेम के डाउनस्ट्रीम से लिंक डायवर्जन का काम तेजी से चल रहा है। इस साल से ईसरदा डेम में बनास नदी का पानी पहुंचने पर दौसा और सवाई माधोपुर के 1200 से ज्यादा गांवों को पीने का भरपूर पानी मिलने वाला है।
राजस्थान में पेयजल संकट समाधान के लिए युद्धस्तर पर चल रही ईसरदा बांध परियोजना के बकाया काम अब अंतिम चरण में है। संभवतया इस साल मानसून के दौरान बीसलपुर बांध से चंबल नदी में छोड़े जाने वाले पानी को अब ईसरदा डेम में स्टोर किया जाएगा। जिससे दौसा और सवाईमाधोपुर शहर समेत जिले के 1200 से ज्यादा गांवों को पीने के पानी के संकट से बड़ी राहत मिलने वाली है।
ईसरदा बांध का 92 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है और इस मानसून की बारिश के पानी का संग्रहण बांध में शुरू हो जाएगा। फिलहाल बांध के सभी 28 पियर्स, 28 रेडियल गेट, 84 गर्डर और 56 हाइड्रोलिक सिलेंडर पूरी तरह स्थापित हो चुके हैं। स्पिलवे और डैम का काम आगामी 15 जून तक पूरा करने का लक्ष्य है।
यह बांध बीसलपुर बांध के डाउनस्ट्रीम में, टोंक जिले के बनेठा गांव के पास बनास नदी पर बनाया जा रहा है। प्रथम चरण में इसका पूर्ण भराव स्तर 262 RL मीटर और भराव क्षमता 10.77 TMC होगी। वर्तमान में 256 RL मीटर तक 3.24 TMC पानी भंडारण की क्षमता तैयार है। दूसरे चरण में पूरी क्षमता तक संग्रहण संभव होगा। बीसलपुर डेम के डाउनस्ट्रीम से छोड़े गए पानी को ईसरदा डेम में स्टोर किया जाएगा।
यह परियोजना दौसा के 1,079 गांव और 5 शहरों तथा सवाई माधोपुर के 1 शहर और 177 गांवों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराएगी। इसके साथ ही बीसलपुर बांध के अधिशेष जल और बनास नदी के वर्षाजल का कुशल प्रबंधन भी सुनिश्चित करेगी। यह रामजल सेतु लिंक योजना (PKC-ERCP) को भी मजबूती देगी।