राजस्थान उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने छात्रों को रोजगार से जोड़ने के लिए नया पोर्टल शुरू किया है। अब युवाओं को भटकना नहीं पड़ेगा, पढ़ाई पूरी करते ही पोर्टल पर नौकरी के अवसर, कंपनियों से सीधा कनेक्शन और करियर मार्गदर्शन मिलेगा।
जयपुर: राजस्थान में तकनीकी और उच्च शिक्षा के छात्रों को रोजगार से जोड़ने के लिए नई पहल की जा रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत राज्य में कई नवाचार शुरू हुए हैं। तकनीकी शिक्षा में छात्रों के लिए कैंपस प्लेसमेंट की प्रक्रिया को आसान बनाया जा रहा है।
जबकि उच्च शिक्षा में सामान्य पाठ्यक्रमों के साथ-साथ छात्रों को स्किल्ड बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए पाठ्यक्रमों को इंडस्ट्री से जोड़ा जा रहा है, ताकि छात्र पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी करने का अनुभव भी प्राप्त कर सकें।
राजस्थान के पॉलिटेक्निक कॉलेजों में छात्रों को रोजगार से जोड़ने के लिए ‘कौशल दर्पण’ नामक प्लेसमेंट पोर्टल लॉन्च किया जा रहा है। यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तकनीकी और पॉलिटेक्निक कॉलेजों के विद्यार्थियों को प्लेसमेंट से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी एक ही जगह उपलब्ध कराएगा। इसी पोर्टल के जरिए कॉलेज प्लेसमेंट अधिकारी अपनी गतिविधियां अपडेट कर सकेंगे। परीक्षा फॉर्म भरने और प्रवेश प्रक्रिया भी इसी पोर्टल के माध्यम से पूरी की जाएगी।
इंडस्ट्री-इंस्टीट्यूट इंटरेशन सेल: जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर, अलवर, भरतपुर और उदयपुर में इंडस्ट्री और संस्थानों के बीच तालमेल के लिए सेल स्थापित किया गया है।
पॉलिटेक्निक प्रोडक्ट: हर पॉलिटेक्निक कॉलेज अब अपना एक विशेष प्रोडक्ट तैयार करेगा, जिसे ’पॉलिटेक्निक प्रोडक्ट’ के रूप में बाजार में पहचाना जाएगा। यह छात्रों की छिपी प्रतिभा को उजागर करने और उन्हें मेंटरशिप देने में मदद करेगा।
राजस्थान के चार वित्त पोषित विश्वविद्यालय और 10 कॉलेजों में अप्रेंटिसशिप एम्बेडेड डिग्री कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। यह राज्य देश में पहला है, जहां यूजीसी की नई गाइडलाइन के तहत छात्रों को सामान्य शिक्षा के साथ कौशल और व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस कार्यक्रम के तहत छात्र औद्योगिक अप्रेंटिसशिप, इंटर्नशिप और कौशल-आधारित मॉड्यूल के साथ अपनी शैक्षणिक डिग्री पूरी कर सकते हैं। राजस्थान विश्वविद्यालय, जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय (जोधपुर), मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (उदयपुर) और महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय (बीकानेर) के साथ 10 कॉलेजों में यह कार्यक्रम शुरू किया गया है।
छात्रों को रिटेल मार्केटिंग, बैंकिंग और वित्त, पर्यटन आदि क्षेत्र में प्रशिक्षण का अवसर मिलता है। छात्र एक से तीन सेमेस्टर तक प्रशिक्षण ले सकते हैं और कंपनियां उन्हें सैलरी भी देती हैं। इससे उनकी तकनीकी दक्षता, आत्मविश्वास बढ़ते हैं। छात्रों को सिर्फ अकादमिक ज्ञान तक सीमित नहीं रखना हमारा लक्ष्य है। उन्हें नौकरी की तैयारियों से सशक्त बनाना हमारी प्राथमिकता है।
-कुलदीप रांका, अतिरिक्त मुख्य सचिव, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग