राजस्थान सरकार सभी नगरीय निकायों के चुनाव एक साथ कराने की तैयारी कर रही है।
Rajasthan Municipal Elections: राजस्थान सरकार प्रदेश के सभी नगरीय निकायों के चुनाव एक साथ इसी वर्ष नवम्बर-दिसम्बर में कराने की तैयारी कर रही है, लेकिन इसमें सबसे बड़ी बाधा 91 निकाय बने हुए हैं। इनका कार्यकाल जनवरी व फरवरी में पूरा होगा। कानूनी रूप से इन निकायों का बोर्ड भंग करना आसान नहीं है। राजनीतिक रूप से भी विरोध की आशंका है। इसलिए सरकार विचार कर रही कि इनका बोर्ड भंग किए बिना चुनाव तो करा लिए जाएं और कार्यकाल पूरा होने के बाद नए बोर्ड का गठन करें। अब इस आधार पर भी होमवर्क किया जा रहा है।
निकायों के चुनाव इसी वर्ष होंगे। जिन निकायों का कार्यकाल जनवरी में पूरा होगा, उनके भी चुनाव एक साथ ही करा लिए जाएंगे। बोर्ड का कार्यकाल पूरा होने के बाद नए बोर्ड प्रभावी हो जाएगा। इस विकल्प पर विचार किया जा रहा है।
-झाबर सिंह खर्रा, स्वायत्त शासन मंत्री
प्रावधान के अनुसार बोर्ड का कार्यकाल पांच साल नीयत है। चुनाव बोर्ड समयावधि से पूर्व कराए जा सकते हैं, लेकिन नया बोर्ड तभी कार्यभार ग्रहण कर सकता है जब पुराने बोर्ड का कार्यकाल खत्म होगा।
-अशोक सिंह, पूर्व विधि परामर्शी और नगरपालिका एक्ट के जानकार
वार्ड पुनर्गठन-परिसीमन का काम जुलाई में पूरा होगा। अगस्त में निर्वाचन आयोग को चुनाव कराने के बारे में बताया जाएगा और मतदाता सूची तैयार की जाएगी।
नगर पालिका एक्ट के तहत केवल दो ही स्थिति में बोर्ड भंग किया जा सकता है। यदि नगरपालिका अपने कर्तव्यों की पालना करने में विफल रहे या उसके सदस्यों की संख्या दो तिहाई से कम हो जाए।