SIR in Rajasthan: जयपुर में मतदाता सूची की जांच के दौरान बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां उजागर हुई हैं। कुछ मकानों पर सैकड़ों वोटर दर्ज मिले, जबकि कई मतदाताओं की उम्र भी एक जैसी पाई गई।
जयपुर। राजस्थान में चल रहे विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के बीच राजधानी जयपुर से मतदाता सूचियों में गंभीर गड़बड़ियां सामने आई हैं। आदर्शनगर विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची की पड़ताल में यह खुलासा हुआ है कि कुछ मकानों पर सैकड़ों वोटर दर्ज हैं। वहीं एक ही उम्र के 15 से 20 तक मतदाताओं के नाम लगातार क्रम में शामिल हैं। इन गड़बड़ियों ने मतदाता सूची की पारदर्शिता और सटीकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
राजधानी के दिल्ली बाइपास क्षेत्र में आने वाली गणेशपुरी और जेडीए क्वार्टर्स कॉलोनियों की मतदाता सूचियों में यह अनियमितताएं दर्ज हुई हैं। वार्ड 84 के अंतर्गत आने वाले इन इलाकों में मकान नंबर और मतदाताओं की संख्या के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। उधर, क्षेत्रीय विधायक रफीक खान का कहना है कि मामला सामने आया है, इसकी चुनाव आयोग को शिकायत दर्ज कराएंगे।
वार्ड 84 के भाग संख्या 14 में गणेशपुरी क्षेत्र में मकान नंबर 18 पर 505 वोटर दर्ज हैं, जबकि मकान नंबर 0 पर 51 और मकान नंबर 1 पर 45 वोटर दर्ज किए गए हैं। वहीं भाग संख्या 15 में मकान नंबर 99999 पर 234 मतदाता दर्ज हैं और मकान नंबर 0 पर 34 मतदाता। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि मतदाता सूची में संख्यात्मक और पते दोनों स्तरों पर गंभीर त्रुटियां हुई हैं।
जांच में यह भी पाया गया कि सूचियों में लगातार क्रम से एक ही उम्र के 15 से 20 तक मतदाताओं के नाम दर्ज हैं। यह स्थिति संकेत देती है कि मतदाता सूची अपडेट करते समय फॉर्म भरने या डेटा एंट्री में भारी लापरवाही हुई है।
भाग संख्या 14 (गणेशपुरी, दिल्ली बाइपास)
मकान नंबर 0 : 51 वोटर
मकान नंबर 1 : 45 वोटर
मकान नंबर 18 : 505 वोटर
(मकान संख्या 0 पर क्रम 1 से 51 तक, मकान संख्या 1 पर क्रम 52 से 97 तक और मकान संख्या 18 पर क्रम 260 से 765 तक मतदाता दर्ज)
भाग संख्या 15 (गणेशपुरी-जेडीए क्वार्टर्स, दिल्ली बाइपास)
मकान नंबर 0 : 34 वोटर
मकान नंबर 99999 : 234 वोटर
(मकान संख्या 0 पर क्रम 1 से 34 तक, मकान संख्या 99999 पर क्रम 295 से 485 तक, 881 से 907 और 944 से 962 मतदाता दर्ज)
राज्य में एसआईआर अभियान का उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन और त्रुटिरहित बनाना है, लेकिन राजधानी जयपुर के शहरी क्षेत्र में इस प्रकार की गड़बड़ियां सामने आने से अभियान में इन्हें दुरुस्त करना भी चुनौती रहेगा।