राजस्थान कांग्रेस के नवनियुक्त जिला अध्यक्षों को नए साल में चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण दिया जाएगा।
राजस्थान कांग्रेस में संगठनात्मक गतिविधियों ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। दिल्ली में हाल ही में संपन्न रैली के बाद अब पार्टी का पूरा फोकस संगठन सृजन अभियान के तहत नियुक्त किए गए जिला अध्यक्षों को मजबूत करने पर है। इसी कड़ी में राजस्थान कांग्रेस के नवनियुक्त जिला अध्यक्षों को नए साल में चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण दिया जाएगा।
जनवरी के पहले हफ्ते दिल्ली में जिला अध्यक्षों के लिए एक दिन का विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण कांग्रेस मुख्यालय इंदिरा भवन में होगा, जहां खुद राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जिला अध्यक्षों को नेतृत्व, संगठन संचालन और राजनीतिक रणनीति के गुर सिखाएंगे। इस ट्रेनिंग में राजस्थान के साथ-साथ छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के जिला अध्यक्ष भी शामिल होंगे।
पहले चरण की इस ट्रेनिंग के बाद दूसरे चरण में जिला अध्यक्षों के लिए करीब दस दिन की विस्तृत और विशेष ट्रेनिंग आयोजित की जाएगी। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राजस्थान या अन्य किसी राज्य में आयोजित किया जा सकता है। दूसरे चरण की ट्रेनिंग में टीम सचिन राव जिला अध्यक्षों को अलग-अलग सत्रों के माध्यम से प्रशिक्षण देगी। इन सत्रों में नेतृत्व विकास, संगठन संचालन, बूथ मैनेजमेंट, अनुशासन, जनसंपर्क और चुनावी तैयारी जैसे अहम विषयों पर फोकस रहेगा। बताया जा रहा है कि फिलहाल 50 में से 45 जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की जा चुकी है। शेष पांच जिला अध्यक्षों की घोषणा भी ट्रेनिंग कार्यक्रम शुरू होने से पहले कर दी जाएगी, ताकि सभी जिला अध्यक्ष एक साथ प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें।
ट्रेनिंग पूरी होने के बाद जिला अध्यक्ष अपने-अपने जिलों में नई कार्यकारिणी का गठन करेंगे। इसके लिए मौजूदा जिला कार्यकारिणियों को पहले भंग किया जाएगा और फिर नए सिरे से टीम बनाई जाएगी। यह पूरी प्रक्रिया जनवरी 2026 तक पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद जिला अध्यक्ष अपने जिलों में संगठन को मजबूती देने और जमीनी स्तर पर कांग्रेस को सक्रिय करने के मिशन में जुट जाएंगे।
पार्टी के सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस हाईकमान अब जिला कांग्रेस कमेटियों को संगठन की रीढ़ मानते हुए विशेष ध्यान दे रहा है। चयन से लेकर जिला अध्यक्षों की वर्किंग स्टाइल तक, हर स्तर पर नई परिपाटी लागू की जा रही है। राहुल गांधी की टीम जिला अध्यक्षों की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों पर भी नजर रखे हुए है। अब देखना यह होगा कि इस नए प्रयोग से कांग्रेस संगठन में कितनी नई ऊर्जा और मजबूती आती है।