राजस्थान में चर्चित RAS-2013 पेपरलीक मामले के सरगना अमृतलाल मीणा की मौत हो गई। उसने 30 लाख रुपए लेकर अभ्यर्थियों को एग्जाम पास कराने का सौदा किया था और अपने पांच रिश्तेदारों को मुफ्त में पेपर उपलब्ध कराया था।
जयपुर: राजस्थान लोक सेवा आयोग के पेपरलीक गिरोह का सरगना अमृतलाल मीणा की वाराणसी में संदिग्ध हालात में तबीयत बिगड़ गई। कुछ दिन बनारस हॉस्पिटल में भर्ती रहने के बाद परिजन उसको जयपुर ला आ रहे थे। आगरा पहुंचने पर उसकी मौत हो गई।
बता दें कि परिजन हिंडौन सिटी जिला अस्पताल में शव लेकर पहुंचे, जहां रविवार को पोस्टमॉर्टम के बाद शव सौंप दिया। वहीं, परिजनों ने वाराणसी में हत्या की आशंका जताते हुए नादौती थाने में रिपोर्ट दी।
पुलिस ने जीरो नंबर की एफआईआर दर्ज कर वाराणसी के सिगारा थाने में भेज दी। रिपोर्ट में बताया कि वाराणसी से आरके सिंह बिहारी नाम से एक व्यक्ति ने फोन कर अमृतलाल के अस्पताल में भर्ती होने की सूचना दी थी। जब परिजन रविवार को वाराणसी पहुंचे, संपर्क करने पर आरके सिंह का मोबाइल बंद आया।
वहीं, बताया गया कि आरके सिंह भी पेपरलीक मामले में लिप्त रहा था। अमृतलाल सरकारी कॉलेज में व्याख्याता रह चुका था। साल 2014 आरपीएससी की प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपरलीक कर पेपर बेचने के मामले में एसओजी ने गिरोह का पर्दाफाश किया था।
राजस्थान प्रशासनिक सेवा की परीक्षा 2013 का पेपरलीक करने के मामले में अमृतलाल को गिरफ्तार किया था। आरोप था कि तब एक अभ्यर्थी को प्री और मेंस परीक्षा पास कराने के बदले में 30 लाख रुपए में सौदा तय किया था। तब एसओजी ने पेपरलीक मामले में संजीव और हंसराज मीणा को गिरफ्तार किया था। अमृतलाल ने पांच रिश्तेदारों को मुफ्त में पेपर पढ़ाया था।