जयपुर

Rajasthan: एसआइ पेपरलीक केस में 3 संदिग्ध सब-इंस्पेक्टर रडार पर, एसओजी ने कसा शिकंजा

एसआइ परीक्षा में पेपरलीक के मामले को लेकर स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने जांच का दायरा और बढ़ा दिया है। इसी क्रम में एसओजी ने 3 संदिग्ध सब-इंस्पेक्टर को पूछताछ के लिए बुलाया है।

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Dec 14, 2025
प्रतीकात्मक तस्वीर, मेटा एआइ

SI Recruitment Exam 2021 Paper Leak Case: जयपुर। एसआइ परीक्षा में पेपरलीक के मामले को लेकर स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने जांच का दायरा और बढ़ा दिया है। इसी क्रम में एसओजी ने 3 संदिग्ध सब-इंस्पेक्टर को पूछताछ के लिए बुलाया है। टीम इन अधिकारियों से यह जानकारी जुटा रही है कि उन्होंने परीक्षा किस प्रश्न पत्र से दी थी और लीक हुई सामग्री तक उनकी पहुंच किस तरह बनी।

एसओजी के एडीजी विशाल ने बताया कि तीनों संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल पूछताछ के लिए बुलाए गए इनमें से किसी भी सब-इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी नहीं की गई है, लेकिन यदि जांच के दौरान ठोस साक्ष्य सामने आते हैं तो कानूनी कार्रवाई करते हुए गिरफ्तारी भी की जाएगी।

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संपर्कों की जांच

जांच एजेंसी परीक्षा से पहले और बाद की गतिविधियों की बारीकी से पड़ताल कर रही है। साथ ही मोबाइल फोन, कॉल डिटेल, डिजिटल ट्रेल और सोशल मीडिया संपर्कों की जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि संदिग्ध किस-किस के संपर्क में थे। एसओजी यह भी जांच कर रही है कि पेपरलीक किसी संगठित गिरोह के माध्यम से हुआ या फिर इसमें विभाग के अंदर से किसी तरह की मदद मिली थी।

एसआइ भर्ती परीक्षा फर्जीवाड़े में गिरफ्तारी

इस मामले में आरपीएससी के एक निलंबित सदस्य और एक पूर्व सदस्य को गिरफ्तार किया गया। इस प्रकरण में गिरफ्तार कुल 132 आरोपियों में 61 प्रशिक्षणरत उप निरीक्षक और 6 चयनित उपनिरीक्षक जिन्होंने जॉइन नहीं किया, सहित 67 उप निरीक्षक शामिल थे। इसके अतिरिक्त जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा 2018 में पेपर लीक के मुख्य आरोपी और टीसीएस कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर जगजीत सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है। सरकार का दावा है कि दो साल के दौरान हुई भर्ती परीक्षाओं में नकल सिंडीकेट टूटा है और एक भी भर्ती परीक्षा में पेपर लीक नहीं हुआ है।

पेपर लीक और धांधली की जांच में पाया गया कि परीक्षा का पेपर बड़े स्तर पर लीक हुआ था। इसमें डमी अभ्यर्थियों को बैठाने और साल्व्ड पेपर 28 लाख रुपए तक में बेचने के मामले सामने आए। इस मामले में 50 से अधिक सब-इंस्पेक्टरों (ट्रेनी) सहित कुल 120 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था। फर्जीवाड़े में राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा और रामूराम रायका की संलिप्तता भी पाई गई, जिन्होंने कथित तौर पर परीक्षा से पहले पेपर लीक किया था।

3 लाख 83 हजार अभ्यर्थियों ने दी थी परीक्षा

आयोग ने 3 फरवरी 2021 को सब इंस्पेक्टर और प्लाटून कमांडर के 859 पदों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की थी। ऑनलाइन फॉर्म 9 से 10 मार्च तक मांगे गए। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को आयु में तीन वर्ष की छूट देने कारण 9 से 23 जून 2021 तक वापस आवेदन लिए गए। परीक्षा के लिए 7 लाख 97 हजार 030 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। इनमें 3 लाख 83 हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी।

Updated on:
14 Dec 2025 07:09 am
Published on:
14 Dec 2025 07:07 am
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