Rajasthan SI Recruitment: एसआई भर्ती-2021 पर राजस्थान हाईकोर्ट ने बड़ा खुलासा किया है। कोर्ट ने चयन प्रक्रिया को दागदार बताया और कहा कि रामूराम राईका के बेटे-बेटी को थानेदार बनाने में पूरा आयोग शामिल रहा।
Rajasthan SI Recruitment: जयपुर: पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती-2021 में शामिल हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग के तत्कालीन सदस्य रामूराम राईका के बेटे-बेटी को पास कराने में पूरा आयोग लिप्त रहा। बाबूलाल कटारा ने पेपर उपलब्ध कराया तो राईका के बेटे का साक्षात्कार भी लिया। राईका की बेटी के साक्षात्कार के पैनल में आयोग अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय खुद शामिल रहे।
बता दें कि रामूराम राईका के बेटे-बेटी का चयन कराने के लिए आयोग के अन्य तत्कालीन सदस्यों मंजू शर्मा, संगीता शर्मा और जसवंत राठी से भी मिले। हाईकोर्ट ने इन तथ्यों का खुलासा करने के साथ ही पूरी भर्ती को दागदार बताते हुए कहा कि राईका के बेटे-बेटी चयनित हुए टॉप-50 अभ्यर्थियों में शामिल रहे।
हाईकोर्ट न्यायाधीश समीर जैन ने गुरुवार को एसआई भर्ती को लेकर सुनाए फैसले में यह खुलासा किया। कोर्ट ने कहा कि यह पूरा मामला पुलिस और सरकार से जुड़ी योजनाबद्ध अनियमितता से जुड़ा हुआ है। इसमें आंतरिक और बाहरी दोनों स्तर पर अनियमितता हुई। आयोग में जहां राईका के बेटे-बेटी और कटारा के नजदीकी के लिए पेपर बाहर आया। वहीं, बाहर बिश्नोई और कालेर गिरोह सक्रिय रहे।
कटारा पर साल 2022 की शिक्षक भर्ती का पेपर भी गैंग तक पहुंचाने का आरोप है। भर्ती रद्द करने से ही पुन: मजबूत होगा। कोर्ट ने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के लिए पुलिस उपनिरीक्षक साफ सुथरे आने चाहिए। पेपरलीक के कारण आयोग के प्रति जो भरोसा कमजोर हुआ, वह रद्द करने से ही पुन: स्थापित हो सकता है। आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष श्रोत्रिय ने जो किया, वह पद की शपथ के विपरीत था। कोर्ट ने आयोग में सुधार के लिए अध्यक्ष और सदस्यों के चयन को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए।
भर्ती परीक्षा की तीन स्तर पर शुचिता प्रभावित हुई। आरपीएससी सदस्य ने पेपर लीक किया। परीक्षा केंद्र से भी पेपर लीक हुआ और डमी परीक्षार्थी बैठाए गए।
अधिवक्ता आरएन माथुर और एके शर्मा ने कहा कि भर्ती रद्द की गई तो 500 से अधिक अभ्यर्थी प्रभावित होंगे। महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद और अतिरित महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने बताया कि याचिका में जांच पर सवाल नहीं उठाए। राज्य सरकार तह तक जाना चाहती है। भर्ती के समय प्रक्रियागत खामी नहीं रही, इसलिए भर्ती रद्द नहीं की जा सकती।
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरपी सिंह और अधिवक्ता हरेंद्र नील ने कोर्ट में कहा कि याचिकाकर्ताओं ने पेपर खरीदकर चयनित हुए अभ्यर्थियों की छंटनी संभव नहीं होने का तर्क देकर भर्ती रद्द करने का आग्रह किया। एसओजी जांच की मॉनिटिरिंग कर जांच रिपोर्ट तलब की जाए और भर्ती में शामिल उम्र पार हो चुके अभ्यर्थियों को नई भर्ती आयु में छूट दी जाए।
एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि न्यायालय का निर्णय पुलिस की छवि को बिगड़ने से रोकेगा। पेपर किस-किस के पास पहुंचा, इसके संबंध में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। अब एसओजी का टारगेट जेईएन भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी से नौकरी पाने वालों का खुलासा करने पर रहेगा।
एसआईटी ने 6 मार्च 2024 को आरपीए से 14 ट्रेनी एसआई को पकड़ा था। इन तक परीक्षा से पहले पेपर पहुंच चुका था। इसके बाद गिरफ्तारी बढ़ते हुए 122 तक पहुंच गई। आरपीएससी के निलंबित सदस्य बाबूलाल कटारा और उसके भांजे को 18 अप्रैल 2023 को वरिष्ठ अध्यापक भर्ती-2022 के पेपरलीक में गिरफ्तार किया गया।
बाबूलाल कटारा की लिप्तता सब इंस्पेटर पेपरलीक में भी उजागर हुई। इसी मामले में पूर्व सदस्य रामूराम राईका को भी गिरफ्तार किया गया था। पेपरलीक का मास्टरमाइंड कटारा था।