Ayodhya Ram Temple : अयोध्या के राममंदिर में राम जन्मभूमि ध्वजा स्थापना के शुभ अवसर पर जयपुर के शिल्पकारों ने एक बार फिर अपनी कला का परचम लहराया है। जयपुर के शिल्पकारों सत्यनारायण पांडे और प्रशांत पांडे ने विग्रहों का विशेष शृंगार किया।
Ayodhya Ram Temple : अयोध्या के राममंदिर में राम जन्मभूमि ध्वजा स्थापना के शुभ अवसर पर जयपुर के शिल्पकारों ने एक बार फिर अपनी कला का परचम लहराया है। मंदिर परिसर के प्रथम तल पर स्थापित भगवान रामदरबार की भव्य मूर्ति तैयार करने वाले जयपुर के शिल्पकार सत्यनारायण पांडे और प्रशांत पांडे को विशेष शृंगार का दायित्व सौंपा गया था। दोनों शिल्पकारों ने दो दिन तक लगातार मंदिर परिसर में रहकर प्रतिमाओं को स्वर्णाभूषण से अलंकृत किया।
पत्रिका से विशेष बातचीत में प्रशांत पांडे ने बताया कि अब तक वे पूरे राम मंदिर परिसर में रामदरबार के अलावा कुल 30 से अधिक मूर्तियां तैयार कर चुके हैं। विशेष अवसर के लिए तैयार की गई स्वर्ण आभूषणों से सजी पोशाकें, मोतियों के हार, मुकुट और हस्तनिर्मित अलंकरणों के साथ भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमानजी के स्वरूप को दिव्य आभा प्रदान की गई। शृंगार की प्रक्रिया दो दिन तक देर रात तीन बजे तक चली।
सत्यनारायण पांडे के निर्देशन में दूसरे चरण में संगमरमर से तराशी गईं और विशेष तकनीक से तैयार प्रतिमाएं विराजमान की जा चुकी हैं। राम, लक्ष्मण, जानकी, हनुमानजी की मूर्तियों के अलावा पूरे राममंदिर में 90 प्रतिशत मूर्तियों का काम जयपुर के कलाकारों ने ही किया है।
प्रथम तल पर सिंहासन पर भगवान राम, माता जानकी, हनुमान और भरत सिंहासन के आगे दास मुद्रा में हैं। लक्ष्मण और शत्रुघ्न सिंहासन के पीछे चंवर लिए खड़े हैं।
शिल्पकारों ने बताया कि अयोध्या में लवाजमे के साथ भगवान राम की बारात भी निकली, जिसमें रामदरबार और परकोटे की उत्सव के रूप में कुल 11 छोटी प्रतिमाओं को विशेष रूप से सजाया गया। भगवान के शृंगार दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और पूरा परिसर राम के जयकारों से गूंज उठा था।