राजस्थान में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर बड़ा बदलाव किया गया है। पहले 41 जिलों में प्रस्तावित परीक्षा अब केवल 14 जिलों में कराई जाएगी। सरकार का कहना है, यह निर्णय पारदर्शिता और बेहतर निगरानी के लिए लिया गया है।
Rajasthan Third Grade Teacher Recruitment Exam: राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं की विश्वसनीयता बनाए रखने और डमी कैंडिडेट व पेपर लीक जैसी गड़बड़ियों पर लगाम कसने के लिए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने सख्त कदम उठाए हैं। इसी कड़ी में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा-2025 को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है।
बता दें कि बोर्ड ने तय किया है कि यह परीक्षा पूरे राज्य के 41 जिलों की बजाय केवल 14 जिलों में ही आयोजित की जाएगी। कर्मचारी चयन बोर्ड-जयपुर के अनुसार, अब भर्ती प्रक्रिया के हर चरण में अभ्यर्थियों की पहचान को लेकर कड़ी निगरानी की जाएगी।
पहले जहां केवल परीक्षा केंद्रों पर ही बायोमैट्रिक जांच होती थी, अब डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के दौरान भी बायोमैट्रिक और फेस स्कैन अनिवार्य कर दिया गया है। बोर्ड का मानना है, इससे डमी कैंडिडेट की समस्या पर प्रभावी नियंत्रण होगा और वास्तविक अभ्यर्थियों को ही चयन का अवसर मिलेगा।
सुरक्षा कारणों से तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा-2025 को सीमित जिलों में कराने का निर्णय लिया गया है। यह परीक्षा बीकानेर सहित कुल 14 जिलों में होगी। इनमें प्रदेश के सात संभाग मुख्यालय शामिल हैं, जबकि सात अन्य जिलों में अलवर, बारां, बांसवाड़ा, बाड़मेर, श्रीगंगानगर, झुंझुनूं और भीलवाड़ा को परीक्षा केंद्र बनाया गया है। शेष 27 जिलों में इस भर्ती परीक्षा के लिए कोई भी केंद्र नहीं होगा।
शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पहले ही पूरी की जा चुकी है। बोर्ड अब जनवरी महीने में परीक्षा आयोजन की तैयारियों में जुट गया है। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार, परीक्षा 17 से 21 जनवरी के बीच कराई जाएगी। इस भर्ती के माध्यम से 7,759 पदों पर नियुक्ति की जानी है, जिसके लिए 9 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इतने बड़े स्तर पर परीक्षा को देखते हुए बोर्ड किसी भी तरह की चूक नहीं चाहता।
पिछले अनुभवों ने भी बोर्ड को सतर्क किया है। पीटीआई भर्ती परीक्षा-2022 में सामने आए फर्जीवाड़े के मामले इसका बड़ा उदाहरण हैं। उस भर्ती में जांच के बाद बीकानेर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में नियुक्त 158 शारीरिक शिक्षकों को बर्खास्त किया गया था। जांच में सामने आया था कि कई अभ्यर्थियों ने बीपीएड और डीपीएड जैसी डिग्रियां परीक्षा तिथि के बाद हासिल की थीं। दोष सिद्ध होने पर उनके नियुक्ति आदेश रद्द कर दिए गए।
इतना ही नहीं, प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय, बीकानेर द्वारा गठित एक विशेष समिति की रिपोर्ट में भी गंभीर तथ्य सामने आए थे। पिछले पांच वर्षों में हुई शिक्षक भर्ती परीक्षाओं की जांच में करीब 450 अभ्यर्थियों के मामले संदिग्ध पाए गए। इन मामलों में रीट भर्ती परीक्षा 2018, 2021 और 2022 के चयनित अभ्यर्थी शामिल थे, जिनके फोटो, हस्ताक्षर और शैक्षणिक दस्तावेजों में गड़बड़ियां मिलीं।
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने कहा, सुरक्षा और सुचारू व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए परीक्षा को सीमित जिलों में आयोजित किया जा रहा है और इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। बोर्ड का दावा है कि इस बार की शिक्षक भर्ती परीक्षा पहले से अधिक पारदर्शी और सुरक्षित होगी।