राजस्थान में 1 जनवरी से 30 जून 2025 तक बलात्कार के 2,966, दहेज हत्या के 187, आत्महत्या दुष्प्रेरण के 36 और महिला उत्पीड़न के 6,192 प्रकरण दर्ज हुए। सरकार ने बताया, जयपुर में अपराधों में 10.79% कमी आई है, पुलिस हिरासत में 20 मौतें भी हुईं।
जयपुर: प्रदेश में 1 जनवरी 2025 से 30 जून 2025 तक महिलाओं के साथ बलात्कार के 2,966 मामले दर्ज किए गए। वहीं, बलात्कार के बाद हत्या के 12, दहेज-हत्या के 187, आत्महत्या दुष्प्रेरण के 36 और महिला उत्पीडऩ (दहेज) के 6,192 प्रकरण दर्ज किए गए। राज्य सरकार ने गुरुवार को विधानसभा में कांग्रेस के शांति धारीवाल के प्रश्न पर लिखित जवाब में ये जानकारी दी।
बलात्कार के दर्ज 2,966 में से 1,387 प्रकरणों में चालान और 1187 में एफआर पेश की गई एवं 392 प्रकरण लंबित हैं। बलात्कार के बाद हत्या के दर्ज कुल 12 प्रकरणों में से 08 प्रकरणों में चालान और तीन में एफआर पेश की गई। दहेज-हत्या के दर्ज 187 प्रकरणों में 92 में चालान और 31 में एफआर पेश की गई एवं 64 प्रकरण लंबित हैं।
आत्महत्या के दुष्प्रेरण के दर्ज 36 प्रकरणों में से 7 में चालान और 5 में एफआर पेश की गई, 24 प्रकरण लंबित हैं। महिला उत्पीड़न (दहेज) के दर्ज 6 हजार 192 प्रकरणों में से 3004 में चालान और 1863 में एफआर पेश की गई एवं 1325 प्रकरण लंबित है।
राज्य सरकार ने कांग्रेस के रफीक खान के प्रश्न पर बताया कि पिछले दो साल में पुलिस हिरासत में 20 मौतें हुई हैं। देवली, जयपुर सदर और झुंझुनूं के कोतवाली, मण्ड्रेला, खेतड़ी, सूरतगढ़ शहर, राजियासर, छीपाबड़ौद, किशनगंज, माण्डल, जैतारण, औद्योगिक क्षेत्र पाली, राशमी, देंचू, कांकरोली, लालसोट, बसवा, तनोट, ऋषभदेव, सांगानेर सदर पुलिस थाना में यह मौतें हुईं।
इस मामले में जांचें भी करवाई गईं। कई मौतें प्राकृतिक कारणों से भी हुई हैं। खान के ही एक अन्य प्रश्न में सरकार ने जवाब दिया कि जयपुर शहर में एक वर्ष में अपराधों में करीब 10.79 प्रतिशत की कमी आई है।