Rajasthan Tourism: राजस्थान मौजूदा समय में पर्यटन के मामले में देश के भीतर पांचवें स्थान पर है। वहीं अब पर्यटन को गांवों तक पहुंचाने की तैयारी है। ऐसे में प्रदेश के 1000 गांवों को चिन्हित किया जा रहा है।
जयपुर। राजस्थान अब सिर्फ शहरों तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पर्यटन की दिशा गांवों की ओर भी मोड़ने की तैयारी चल रही है। राज्य पर्यटन विभाग ने लगभग 50 हजार गांवों में से 1,000 गांवों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन गांवों को 'मॉडल टूरिज्म विलेज' के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि पर्यटक शहरों के साथ ग्रामीण जीवन, संस्कृति और परंपराओं का भी अनुभव कर सकें।
केंद्र सरकार के हालिया आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान देश का पांचवां सबसे लोकप्रिय पर्यटन राज्य है। वर्ष 2023 में कुल 2,507 मिलियन घरेलू पर्यटक विभिन्न राज्यों में घूमने गए, जिनमें से 180 मिलियन ने राजस्थान का रुख किया। वहीं, भारत आने वाले 1.92 करोड़ विदेशी पर्यटकों में से करीब 17 लाख ने राजस्थान को अपनी मंजिल बनाया।
पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव राजेश यादव ने बताया कि राजस्थान घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिए लगातार आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, लेकिन उन्होंने चेताया कि यहां होटलों के ऊंचे किराए पर्यटकों को दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की ओर खींच सकते हैं। उन्होंने होटल कारोबारियों से अपील की कि प्रतिस्पर्धी दरें रखकर राज्य की साख बनाए रखें।
यादव ने बताया कि केंद्र सरकार की तर्ज पर राजस्थान भी जल्द 'अडॉप्ट अ मोन्यूमेंट स्कीम' लागू करेगा। इसके तहत स्मारकों को बेहतर रखरखाव और आकर्षक रूप देने के लिए निजी क्षेत्र की मदद ली जाएगी। उन्होंने उद्योग जगत से इस योजना में सहयोग की अपील की।
राजस्थान डोमेस्टिक ट्रैवल मार्ट को लेकर भी बड़ी तैयारियां हो रही हैं। यह आयोजन 12 सितंबर से तीन दिन तक चलेगा, जिसमें 1,000 से अधिक टूर ऑपरेटर, ट्रैवल एजेंट और पर्यटन कारोबार से जुड़े लोग शामिल होंगे। आयोजकों का कहना है कि इस दौरान करीब 8,000 से ज्यादा बिजनेस मीटिंग्स तय की जा चुकी हैं।
पर्यटन विभाग का मानना है कि ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलने से न केवल राज्य की छवि बदलेगी, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। अरावली और मरुस्थल क्षेत्रों के गांवों की संस्कृति, लोककला और परंपराएं नए आकर्षण के रूप में सामने आएंगी।