जयपुर

Rajasthan Weather: फिर करवट लेगा मौसम, विभाग ने 19 से 22 दिसंबर तक राजस्थान में दिया ये अलर्ट

Weather Forecast: राजस्थान में मौसम एक बार फिर करवट लेने जा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार 19 से 22 दिसंबर के बीच पश्चिमी विक्षोभ के असर से बादल छाए रहेंगे और तापमान में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है।

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Dec 19, 2025
कोहरे के बीच स्कूल जाते बच्चे (फोटो: पत्रिका)

Rajasthan Weather Update: राजस्थान में पिछले 24 घंटों में मौसम शुष्क रहा और अधिकतम तापमान बाड़मेर में 32 डिग्री रहा। वहीं न्यूनतम तापमान फतेहपुर सीकर में 4.3 डिग्री दर्ज हुआ। मौसम विभाग के अनुसार आज भी राज्य के कई भागों में कोहरा दर्ज होने की संभावना है। जिसके साथ ही 19 से 22 दिसंबर के बीच एक नया पश्चिमी विक्षोभ भी अपना प्रभाव दिखाएगा।

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बादल छाने का अलर्ट जारी

एक नए पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से 19-22 दिसंबर को बादल छाए रहने का अलर्ट और न्यूनतम तापमान में 1-3 डिग्री बढ़ोतरी होने की प्रबल संभावना है। हालांकि, प्रदेश के अधिकांश भागों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहने की संभावना है।

जानें कब से पड़ेगी कड़ाके की ठंड

23 दिसंबर से मौसम विभाग के अनुसार एक कम वायुदाब का क्षेत्र बनेगा, जिसके प्रभाव से दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक कड़ाके की सर्दी पड़ने की पूरी संभावना है।

मौसम की चाल से फसलें हुईं बेहाल

मौसम के उतार-चढ़ाव ने फसल चक्र को बिगाड़ दिया है। नवंबर माह में अगेती बोई गई जौ और गेहूं की फसलें दिसंबर में ग्रोथ और लंबाई बढ़ाने के चरण में होनी चाहिए थी, लेकिन समय से पहले बालियां नजर आने लगी हैं। इससे उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है। किसानों का कहना है कि यदि दिसंबर के अंतिम सप्ताह और जनवरी के प्रथम सप्ताह में मावठ नहीं हुई तो फसलें कमजोर पड़ जाएगी और पैदावार में भारी गिरावट होगी।

जानकारी के अनुसार झोटवाड़ा कृषि विस्तार क्षेत्र जयपुर, कालवाड़, आमेर, जालसू, रामपुरा डाबड़ी व चौमूं में जौ, गेहूं और सरसों की 46,618 हेक्टेयर में पैदावार है। अक्टूबर माह में हल्की सर्दी की दस्तक के बाद दिसंबर में तापमान के उतार-चढ़ाव ने फसल चक्र को बदल दिया।

किसानों ने बताया कि नवंबर में बोई गई जौ की फसल में खेतों की नमी की कमी और गर्म तापमान के कारण एक माह पूर्व ही बालियां आने लगी हैं। इससे फसल की बढ़वार रुक गई है और उत्पादन प्रभावित होगा। इसे लेकर किसान चिंतित हैं। किसानों का कहना है कि पहले यूरिया खाद की कमी ने फसल को प्रभावित किया और मौसम साथ नहीं दे रहा है। अच्छी पैदावार की की उम्मीद में महंगा बीज खरीदकर फसल की बुवाई की थी, ताकि घर परिवार का गुजारा हो सके, लेकिन अनुकूल मौसम नहीं होने से फसल प्रभावित हो रही है।

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Published on:
19 Dec 2025 07:47 am
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