Rajasthan : जयपुर के उद्योग भवन में रक्षा उत्पादों के उत्पादन में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए शुक्रवार को उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई। जहां केंद्र सरकार किया ये वादा।
Rajasthan : जयपुर के उद्योग भवन में रक्षा उत्पादों के उत्पादन में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए शुक्रवार को उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस दौरान राजस्थान में रक्षा उत्पादों से जुड़ी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के अवसर भी तलाशे गए। भारत सरकार में रक्षा उत्पादन विभाग के उपमहानिदेशक सुशील सतपुते ने बताया कि भारत में रक्षा उत्पादन लगभग 1.50 लाख करोड़ रुपए का है, जिसमें से 23600 करोड़ रुपए का निर्यात मित्र देशों को किया जा रहा है। इसमें निजी कंपनियों का योगदान लगभग 22.5 प्रतिशत है। पिछले 10 वर्षों में रक्षा उत्पादन के लिए निजी लाइसेंस बढ़कर 742 हो गए है।
केंद्र सरकार एमएसएमई इकाइयों को पूरी मदद देने को तैयार है। डीआरडीओ की विकसित तकनीक भी निजी कंपनियों को दी जा सकती है, जिससे स्वदेशी उत्पादन को और बढ़ावा मिलेगा। अध्यक्षता उद्योग एवं चाणिज्य प्रमुख सचिव आलोक गुप्ता ने की। बैठक में उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, रीको की प्रबंध निदेशक शिवांगी स्वर्णकार, निवेश संवर्द्धन ब्यूरो के आयुक्त सुरेश ओला और राजस्थान के लगभग 20 रक्षा उत्पादन इकाइयों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
बैठक में रीको अधिकारियों ने राज्य में रक्षा उद्योग के लिए उपलब्ध जमीन और राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना की जानकारी दी। राज्य की रणनीतिक लोकेशन से होने वाले फायदे भी बताया गया। राज्य सरकार की प्रस्तावित डिफेंस एयरोस्पेस पॉलिसी पर भी चर्चा हुई।
उद्यमियों ने लाइसेंस और अनुमतियां लेने में आने वाली समस्याओं को बताया। उन्होंने रक्षा मंत्रालय से आग्रह किया कि राजस्थान में रक्षा उपकरणों के एक्सपो आयोजित हों। यदि टेस्टिंग सुविधाएं बढ़ाई जाएं तो और अधिक निवेश और नए उद्यम यहां आएंगे।