जयपुर

राजस्थान में सोसाइटी पट्टों की रजिस्ट्री पर रोक के आदेश से विवाद, वकीलों की हड़ताल से करोड़ों के राजस्व का नुकसान

Rajasthan Lawyers Protest: राजस्थान में बिना 90 ए और कन्वर्जन वाली भूमि पर बने सोसाइटी पट्टों की रजिस्ट्री पर रोक के आदेश के दूसरे दिन ही विवाद खड़ा हो गया।

2 min read
Dec 05, 2025
कलक्ट्रेट में प्रदर्शन करते वकील। फोटो: पत्रिका

जयपुर। राजस्थान में बिना 90 ए और कन्वर्जन वाली भूमि पर बने सोसाइटी पट्टों की रजिस्ट्री पर रोक के आदेश के दूसरे दिन ही विवाद खड़ा हो गया। जयपुर और जोधपुर में वकीलों ने गुरुवार को इस आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। जयपुर में हुए विरोध प्रदर्शन में कल€क्ट्रेट के राजस्व मामलों, नगर निगम, जेडीए और अन्य उप रजिस्ट्रार कार्यालयों के वकील शामिल हुए। वकीलों के कार्य बहिष्कार के चलते सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में रजिस्ट्री का काम लगभग ठप हो गया। जिला कलक्ट्रेट में रजिस्ट्री के काम के लिए आए लोग लौट गए।

जयपुर सिटी के उप पंजीयन कार्यालयों में रोज करीब 1200 रजिस्ट्री होती हैं, जिससे करीब 40 करोड़ का राजस्व मिलता है। लेकिन हड़ताल के चलते महज 200 रजिस्ट्री ही हुई, जिससे करोड़ों के राजस्व नुकसान हुआ है।

ये भी पढ़ें

राजस्थान में बॉर्डर पार से आई 15 करोड़ की हेरोइन, चायनीज पिस्टल के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार; मोबाइल जांच से खुले कई राज

अधिवक्ताओं का कहना है कि जयपुर में करीब 80 प्रतिशत से अधिक आवासीय कॉलोनियां सोसायटी की ओर से बसाई गई हैं। इनमें लाखों भूखंड हैं और बड़ी संख्या में परिवार रह रहे हैं। सरकार के आदेशों के अनुसार समय-समय पर जेडीए इनका नियमन करता रहा है, लेकिन अब अचानक 2 दिसंबर को जारी नोटिफिकेशन के बाद रजिस्ट्री रोक दी गई, जिससे आमजन पर संकट खड़ा हो गया है।

गलत विक्रय पर लगेगी रोक: सरकार

सरकार की ओर से लागू संशोधन के अनुसार, अब बिना भू रूपांतरण (कन्वर्जन) और 90-ए स्वीकृति के जारी सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्री की पूरी जिम्मेदारी उप रजिस्ट्रार पर होगी। पट्टा धारकों को अब रजिस्ट्री के समय यह साबित करना होगा कि जिस जमीन पर प्लॉट खरीदा गया वह कन्वर्टेड है या 90-ए में दर्ज है। सरकार का तर्क है कि इस व्यवस्था से सरकारी जमीन, कृषि भूमि और एससी-एसटी श्रेणी की भूमि के गलत विक्रय पर रोक लगेगी। काश्तकारी नियमों के तहत एससी-एसटी वर्ग की भूमि केवल उसी वर्ग में बेची जा सकती है। कई सोसायटियों द्वारा नियमों के खिलाफ इन जमीनों पर प्लॉटिंग करने से विवाद बढ़ रहे थे, इसलिए यह संशोधन लागू किया गया।

आम लोगों को परेशानी: वकील

पंजीयन और मुद्रांक कार्य से जुड़े अधिवक्ता गजराज सिंह और अखिलेश जोशी ने कहा कि इस आदेश से आम लोग परेशानी में आ गए हैं। जिन लोगों ने सोसायटी से प्लॉट खरीदे, वे अब रजिस्ट्री नहीं करा पा रहे हैं। यदि सोसायटी कन्वर्जन या 90-ए स्वीकृति नहीं देती, तो खरीदार को स्वयं जेडीए और प्रशासन से ये दस्तावेज लेने होंगे। जयपुर की बसावट का बड़ा हिस्सा सोसायटी पट्टों पर आधारित है। कई सोसायटियों ने अब तक 90-ए नहीं कराया है, ऐसे में हजारों लोग अपने भूखंड का स्वामित्व साबित नहीं कर पाएंगे और बैंक से लोन तक नहीं मिल पाएगा।

ये भी पढ़ें

Rajasthan Highway: राजस्थान में एक और हाईवे बनेगा फोरलेन, 516 करोड़ होंगे खर्च; जल्द शुरू होगा काम

Also Read
View All

अगली खबर