जयपुर

राजस्थान में RTE के तहत पढ़ रहे हजारों बच्चों के सामने गहराया संकट, शिक्षा विभाग ने जारी किए ये आदेश

RTE Latest Update : शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रदेश की निजी स्कूलों में निशुल्क पढऩे वाले हजारों बच्चों के सामने सत्र के बीच में फीस का संकट गहरा गया है। ये वे बच्चे हैं जिनका पिछले सत्र में निजी के साथ सरकारी स्कूलों में भी प्रवेश प्रदर्शित हो रहा था।

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Jul 09, 2024

RTE Latest Update : शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रदेश की निजी स्कूलों में निशुल्क पढऩे वाले हजारों बच्चों के सामने सत्र के बीच में फीस का संकट गहरा गया है। ये वे बच्चे हैं जिनका पिछले सत्र में निजी के साथ सरकारी स्कूलों में भी प्रवेश प्रदर्शित हो रहा था। पर बाद में सत्यापन करवाए जाने पर इनका प्रवेश तो निजी स्कूलों में ही मिला, लेकिन शिक्षा निदेशालय ने सत्यापन रिपोर्ट में खामी मानते हुए सत्यापन फिर नए सिरे से करवाने के निर्देश दे दिए। अब चूंकि नया सत्र शुरू हो गया है और इन बच्चों के पुराने सत्र की पुनर्भरण राशि अब तक जारी नहीं हुई है। लिहाजा स्कूल संचालकों ने उन बच्चों से फीस की मांग शुरू कर दी है। ऐसे में आर्थिक आधार पर कमजोर वर्ग के इन बच्चों के सामने बीच सत्र में पढ़ाई का संकट गहरा गया है।

ये है मामला
आरटीई के तहत निजी स्कूलों की 25 फीसदी सीटों पर आर्थिक दृष्टि से कमजोर व अक्षम बच्चों का निशुल्क प्रवेश होता है। प्रवेश के बदले राज्य सरकार निजी स्कूलों को प्रति बच्चे के हिसाब से पुनर्भरण राशि जारी करती है। पिछले सत्र में आरटीई में प्रवेशित करीब 10 हजार से ज्यादा बच्चों का प्रवेश सरकारी स्कूलों में होना सामने आया तो शिक्षा विभाग ने उसका सत्यापन करवाया। जिसमें करीब पांच हजार बच्चों का प्रवेश निजी स्कूलों में मिला। जिनकी रिपोर्ट भी जिला शिक्षा विभागों ने दिसंबर व जनवरी महीने में ही शिक्षा निदेशालय भेज दी। जिसके बाद इन बच्चों की पुनर्भरण राशि की उम्मीद जगी थी। लेकिन, शिक्षा विभाग ने सत्यापन रिपोर्ट में खामी मानते हुए नए सिरे से सत्यापन करने के निर्देश दिए हैं। जिससे पुनर्भरण राशि अटकने पर बच्चों की पढ़ाई पर संकट खड़ा हो गया है।

फीस दें या स्कूल छोड़ें
नए सिरे से सत्यापन की इस प्रक्रिया से एक तरफ पुनर्भरण राशि मिलने में देरी हो रही है, दूसरी तरफ स्कूल संचालकों ने बच्चों से फीस की मांग शुरू कर दी है। ऐसे में निजी स्कूलों में निशुल्क पढ़ाई की उम्मीद के साथ प्रवेशित बच्चों के अभिभावकों के सामने फीस देने या निजी स्कूल छुड़वाकर सरकारी में प्रवेश करवाने का विकल्प ही बचा है।

सीकर में 331 बच्चे
सरकारी स्कूलों में प्रवेश मिलने पर पिछले सत्र में सीकर जिले में प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के 331 बच्चों की पुनर्भरण राशि रोकी गई थी। इनमें से सत्यापन के बाद 210 बच्चों का तो सरकारी व अन्य जगहों पर प्रवेश मिला, लेकिन 121 बच्चों का प्रवेश निजी स्कूलों में ही मिला। पर शिक्षा विभाग अब उनका सत्यापन फिर से करवाएगा।

मेरा बेटा निजी स्कूल में पढ़ रहा है। सत्यापन में भी वह वहीं पढ़ता पाया गया। पर पुनर्भरण राशि नहीं मिलने पर अब स्कूल संचालक फीस मांग रहे हैं। विभाग को जल्द मामले में उचित कार्यवाही करनी चाहिए।
मुकेश सिंह, अभिभावक।

आरटीई में प्रवेशित जिन बच्चों का दोहरा नामांकन मिला था, उनका नए सिरे से सत्यापन करवाया जा रहा है। जल्द ही पुनर्भरण राशि की स्थिति साफ हो जाएगी।
घीसाराम भूरिया, एडीईओ (जिला प्रारंभिक शिक्षा विभाग, सीकर)

Published on:
09 Jul 2024 08:56 am
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