जयपुर

SIR in Rajasthan: एसआइआर के चलते राजस्थान में फरवरी तक पंचायत-निकाय चुनाव पर लगा ब्रेक, यहां देखें पूरी प्रक्रिया

राजस्थान में एसआइआर प्रक्रिया के चलते फरवरी तक पंचायत-निकाय चुनाव पर लगभग ब्रेक लग गया है। राज्य निर्वाचन आयुक्त राजेश्वर सिंह ने कहा कि एसआईआर के बाद ही अब प्रदेश में निकाय-पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी।

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Oct 28, 2025
पंचायत चुनाव। पत्रिका फाइल फोटो

जयपुर। निर्वाचन आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के दायरे में राजस्थान को शामिल करने से प्रदेश में पंचायत-निकाय चुनाव की प्रक्रिया फरवरी-2026 तक अटक गई है। राज्य निर्वाचन आयुक्त राजेश्वर सिंह का कहना है कि स्वाभाविक तौर पर अब पंचायत-निकाय चुनाव एसआइआर के आधार पर मतदाता सूची जारी होने के बाद ही हो पाएंगे। उधर, मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन के अनुसार विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया मंगलवार को शुरू हो जाएगी और 7 फरवरी 2026 को पूरी हो जाएगी, जिसके लिए राजस्थान में पूरी तैयारी है।

प्रदेश में पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बावजूद पंचायत और निकाय चुनाव टाले जाने को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद तत्कालीन राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता ने पंचायत-निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन वर्तमान निर्वाचन आयुक्त राजेश्वर सिंह ने उस प्रक्रिया को रोक दिया। हालांकि इस बीच हाईकोर्ट फिर से आयोग को समय पर चुनाव कराने का उसका दायित्व याद दिला चुका, लेकिन हाईकोर्ट का आदेश ठंडे बस्ते में चला गया है।

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फेज-2 में शामिल राजस्थान सहित 12 राज्यों में एसआईआर की प्रक्रिया

  • 28 अक्टूबर से 3 नवंबर- प्रशिक्षण एवं मतदाता गणना आवेदन पत्र की छपाई
  • 4 नवबंर से 4 दिसंबर - घर-घर आवेदन पत्र वितरण एवं उसे जमा करना
  • 9 दिसंबर - ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन
  • 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 - लोग दे सकेंगे दावे एवं आपत्तियां
  • 9 दिसंबर से 31 जनवरी- दावे एवं आपत्तियों पर सुनवाई एवं सत्यापन
  • 7 फरवरी 2026 -अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन

राजस्थान की तस्वीर

  • मतदाता- 5 करोड़ 48 लाख 84 हजार 827
  • 40 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता- लगभग 2.61 करोड़, 77 प्रतिशत की मैंपिंग हो चुकी।
  • 40 वर्ष से कम आयु के मतदाता- 2.88 करोड़, मैपिंग का कार्य प्रगति पर

यह है तैयारी

सभी संभागीय आयुक्त, जिला निर्वाचन अधिकारी एवं निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को मतदान केन्द्र पुनर्गठन, बीएलओ एवं पर्यवेक्षक प्रशिक्षण, राजनीतिक दलों से संपर्क, मीडिया प्रबंधन, ऑनलाइन आवेदन को बढ़ावा देने सहित आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं। विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। स्वयं सहायता समूहों व राजसखी के जरिए महिला मतदाताओं पर फोकस होगा।

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