SMS Hospital Neurosurgery Department HOD: तलाशी के दौरान एसीबी को घर से डॉक्टर की पत्नी के नाम बैंक लॉकर की चाबी मिली है जिसे सोमवार को खोला जाएगा। इसके अलावा चार जमीनों के दस्तावेज मिले जिनमें रिद्धि-सिद्धि स्थित एक फ्लैट भी शामिल है।
Dr Manish Agarwal Offered Bribe To ACB Head Constable: सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य और न्यूरोसर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष अग्रवाल तथा उनके घर पर काम करने वाले जगत को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया। एसीबी ने गुरुवार शाम को गोपालपुरा पुलिया के पास डॉक्टर अग्रवाल को उनके घर पर ही रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था।
एसीबी के अनुसार परिवादी से रिश्वत की राशि लेने के बाद डॉ. अग्रवाल ने कहा कि "तुम पहले ही आ जाते तो इतनी परेशानी नहीं होती, अब आगे परेशानी नहीं होगी।" तलाशी के दौरान एसीबी को घर से डॉक्टर की पत्नी के नाम बैंक लॉकर की चाबी मिली है जिसे सोमवार को खोला जाएगा। इसके अलावा चार जमीनों के दस्तावेज मिले जिनमें रिद्धि-सिद्धि स्थित एक फ्लैट भी शामिल है। डॉक्टर ने बताया कि उस फ्लैट में किराएदार रहता है। एसीबी ने फ्लैट को निगरानी में लेकर तलाशी की तैयारी शुरू कर दी है।
घटना के दौरान एसीबी टीम ने डॉक्टर को तब पकड़ा, जब परिवादी रिश्वत देकर बाहर निकला। मौके पर भीड़ जुट गई और डॉक्टर के कुछ परिचित उनकी पत्नी को ढांढ़स बंधाने पहुंचे। इन लोगों ने कहा कि वे डॉक्टर के साथ हैं। एसीबी को डॉक्टर के खिलाफ अन्य शिकायतें भी प्राप्त हुई हैं, जिनकी जांच की जाएगी।
हेड कांस्टेबल सुभाष ने बताया कि जब वह डॉ. मनीष अग्रवाल के चैम्बर में गया, तो बातचीत इस प्रकार हुई —
डॉक्टर: कैसे आना हुआ।
हेड कांस्टेबल: मरीज को दिखाना है।
डॉक्टर: कहां है पर्ची।
हेड कांस्टेबल: मरीज को ला रहे हैं, उसी के पास पर्ची है।
डॉक्टर: यहां से चले जाओ।
हेड कांस्टेबल: मरीज दो मिनट में आ रहा है।
डॉक्टर: ऐसा करो, तुम मरीज आए तब तक बाहर बैठो।
(थोड़ी देर बाद)
हेड कांस्टेबल: डॉक्टर साहब, मैं एसीबी से हूं, आप अपनी सीट पर बैठे रहें, आपको यहां ही बैठा रहना है।
डॉक्टर: तुम अंदर कैसे आ गए, चलो, तुम भी कुछ ले लेना।
हेड कांस्टेबल: मुझे कुछ नहीं चाहिए, आप बैठे रहो।
डॉक्टर: जगत, जल्दी आओ, देखो यह कौन आ गया।
तभी जगत ने हेड कांस्टेबल को धक्का देने की कोशिश की लेकिन डॉक्टर ने उसे रोकते हुए कहा, “इसे छोड़ दो, पैसे जल्दी से बाहर फेंक दो।” इसके बाद जगत ने रिश्वत की रकम लेकर बाहर फेंक दी।