Political Controversy: भ्रष्टाचार की विंडो से चल रहा तबादला उद्योग। डोटासरा का भाजपा सरकार पर तीखा हमला। चहेतों को मनचाही पोस्टिंग, जरूरतमंदों को नीतिगत झुनझुना। शिक्षा विभाग पर सवाल।
Teacher Transfer Policy: जयपुर। प्रदेश के शिक्षा विभाग में कथित भ्रष्टाचार और मनमानी को लेकर सियासी पारा एक बार फिर चढ़ गया है। पूर्व शिक्षा मंत्री और कांग्रेस नेता गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि विभाग अब "भ्रष्टाचार और अकर्मण्यता का अड्डा" बन गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सत्ता में आने के बाद 100 दिनों में ट्रांसफर पॉलिसी बनाने का वादा किया था, लेकिन अब "भ्रष्टाचार की विंडो" खोलकर बैकडोर से तबादलों का उद्योग चला रही है।
डोटासरा ने सोशल मीडिया पर लिखा। "चहेतों के लिए ट्रांसफर की गली, जरूरतमंदों को पॉलिसी की ढपली!"
उनका आरोप है कि राज्य में शिक्षकों के तबादलों पर लगाया गया प्रतिबंध केवल आम शिक्षकों के लिए है, जबकि मंत्री के खास लोगों को कार्य-व्यवस्था के नाम पर मनचाही पोस्टिंग दी जा रही है, चाहे वे थर्ड ग्रेड हों या सेकंड ग्रेड।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रतिनियुक्ति आदेशों में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही और नियम-कानून को दरकिनार कर मनमाफिक तबादले किए जा रहे हैं। डोटासरा ने कहा कि शिक्षक संघों के विरोध और मानवीय पहलुओं की पूरी तरह अनदेखी कर विभाग तबादला उद्योग चला रहा है।
इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी दावा किया कि स्पोर्ट्स किट घोटाले के बाद अब पुस्तक खरीद में भी बड़ी धांधली सामने आई है। उनके अनुसार, जिन पुस्तकों को बाजार में आधी कीमत पर उपलब्ध कराया जा सकता था, उन्हें दोगुनी दर पर खरीदा गया है।
राजस्थान के शिक्षा विभाग में तबादलों को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। राजस्थान पत्रिका में 23 जुलाई को प्रकाशित एक खबर का हवाला देते हुए डोटासरा ने लिखा कि थर्ड ग्रेड शिक्षक अपने तबादलों का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन विभाग द्वारा "कार्यव्यवस्था" के नाम पर चुनिंदा चहेते शिक्षकों को मनचाही पोस्टिंग दी जा रही है।चहेतों के लिए ट्रांसफर की गली, जरूरतमंदों को पॉलिसी की ढपली का राग अलापा जा रहा है।