
CM Bhajan Lal Sharma (Image Source: Patrika)
Rajasthan Township Policy: जयपुर। राजस्थान सरकार ने प्रदेश के शहरी विकास को गति देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए नई टाउनशिप पॉलिसी-2024 को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल बैठक में इस नीति को स्वीकृति दी गई, जो राज्य को "विकसित राजस्थान-2047" के लक्ष्य की दिशा में निर्णायक गति देगी।
यह नीति ना केवल रहवासियों को बेहतर जीवनशैली देने की दिशा में बनाई गई है, बल्कि इसके माध्यम से निवेश को आकर्षित करने, औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित करने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने की भी व्यापक योजना है। नीति में हरित विकास, ऊर्जा संरक्षण, जल प्रबंधन, सामाजिक न्याय और आधारभूत सुविधाओं का समावेश सुनिश्चित किया गया है।
नई टाउनशिप नीति के तहत सभी योजनाओं में 7 प्रतिशत भूमि पार्क व खेल मैदान के लिए और 8 प्रतिशत भूमि सुविधा क्षेत्र (जैसे स्कूल, हॉस्पिटल, सामुदायिक केंद्र आदि) के लिए आरक्षित की जाएगी। यह प्रावधान रहवासियों को एक बेहतर, स्वस्थ और सुव्यवस्थित जीवनशैली उपलब्ध कराएगा। साथ ही वर्षा जल संचयन और अपशिष्ट जल प्रबंधन जैसी स्थायी सुविधाएं भी अनिवार्य की गई हैं।
नीति में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और निम्न आय वर्ग (LIG) के लिए भूखंड आरक्षित किए गए हैं, जिनका आवंटन स्थानीय निकायों द्वारा पारदर्शी तरीके से किया जाएगा। इसके अलावा, औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए कम से कम 5 प्रतिशत क्षेत्रफल में आवास निर्माण का प्रावधान है, जिससे उन्हें कार्यस्थल के पास ही आवास मिल सकेगा और उनकी कार्यकुशलता में वृद्धि हो।
नीति में यह प्रावधान किया गया है कि किसी भी टाउनशिप योजना के पूर्ण होने के बाद 5 वर्षों तक विकासकर्ता को विकास कार्यों के रख-रखाव की जिम्मेदारी लेनी होगी, या फिर RWA (रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन) को जिम्मेदारी सौंपने तक 2.5 प्रतिशत भूखंड सरकार के पास गिरवी रहेंगे। इससे उपभोक्ताओं को बेहतर और जवाबदेह सेवाएं मिलेंगी।
भूमि की सीमित उपलब्धता को देखते हुए नई नीति बहुमंजिला (लम्बवत) इमारतों को बढ़ावा देती है। साथ ही फ्लैट, समूह आवास, मिश्रित भू-उपयोग, कमर्शियल स्पेस जैसे सब-सिटी सेंटर, डिस्ट्रिक्ट सेंटर व कम्यूनिटी सेंटर के लिए योजनाएं तैयार की जाएंगी, जिससे स्मार्ट और कार्यक्षम शहरों का विकास होगा।
सेक्टर रोड्स के निर्माण के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं, जिससे नगरीय आवागमन को सुगम बनाया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त, नीति में नदियों, झीलों, नालों व अन्य जलस्रोतों के आसपास न्यूनतम बफर जोन निर्धारित किए गए हैं ताकि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके। साथ ही, सौर और पवन ऊर्जा संयंत्रों को स्थापित करने में तकनीकी बाधाओं को हटाया गया है जिससे हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा।
Published on:
23 Jul 2025 01:39 pm
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