राजधानी जयपुर से सालाना 18 हजार करोड़ रुपए के जेम्स स्टोन निर्यात पर अमरीकी टैरिफ का असर पड़ा है। व्यापार 50% तक सिमट गया है। नए ऑर्डर न मिलने से व्यापारी चिंता में हैं।
जयपुर: अमरीका की ओर से 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने से रत्नों की नगरी जयपुर का जेम्स एंड ज्वेलरी कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। कारोबारियों का कहना है कि पिछले दो महीने से उनका व्यापार आधा रह गया है।
खासकर अमरीकी बाजार में कीमती पत्थरों की मांग पर सीधा असर पड़ा है। शहर के व्यापारियों के मुताबिक, जयपुर से होने वाला जेम्स निर्यात मुख्य रूप से अमरीका पर निर्भर है। बढ़े हुए टैरिफ के कारण वहां बिक्री महंगी पड़ रही है, जिससे ऑर्डर तेजी से घटने लगे हैं।
कारोबारियों का कहना है कि अमरीका की स्थिति को देखते हुए अब भारत को वैकल्पिक बाजारों पर भी ध्यान देना चाहिए। जानकारी के अनुसार, जयपुर से सालाना लगभग 18 हजार करोड़ रुपए के जेम्स स्टोन का निर्यात विदेशों में होता है। अमरीका में टैरिफ बढऩे से इसमें और गिरावट की आशंका जताई जा रही है।
युवा जेम्स बिजनेसमैन एवं एक्सपोर्टर गौरव जैन का कहना है कि अब भारत को यूरोप, खाड़ी देशों और एशियाई बाजारों में भी और अधिक संभावनाएं तलाशनी होंगी, ताकि अमरीकी निर्भरता से बाहर निकलकर कारोबार को नई दिशा दी जा सके।
शहर का जेम्स स्टोन निर्यात कारोबार सिमट चुका है। यदि हालात ऐसे ही रहे तो सैकड़ों व्यापारियों की आजीविका पर संकट खड़ा हो जाएगा। कारोबारी संगठनों ने सरकार से मांग की है कि इस संकट की घड़ी में मदद के लिए नई नीतियां और प्रोत्साहन पैकेज लाए जाएं।
-डीपी खंडेलवाल, जेम्स बिजनेसमैन एवं एक्सपोर्टर
जेम्स स्टोन से जुड़ा व्यापारी वर्ग इन दिनों काफी चिंता में है। अमरीका से नए ऑर्डर आना तो दूर, पुराने ऑर्डर भी कैंसिल हो रहे हैं। यदि यही स्थिति बनी रही तो आने वाले दिनों में इस उद्योग को बड़ा झटका लगेगा।
प्रभावित व्यापारियों को राहत के तौर पर निर्यात टैस में छूट दी जानी चाहिए। जयपुर से सालाना लगभग 18 हजार करोड़ रुपए का जेम्स विदेशों में निर्यात होता है।
-राजू मंगोड़ीवाला, उपाध्यक्ष, जयपुर ज्वेलर्स एसोसिएशन